मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
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Written By अनिरुद्ध जोशी

संकेतों से जानें कि भविष्य में क्या होगा

Samudrik shastra | संकेतों से जाने की भविष्य में क्या होगा
संकेतों के अंतर्गत तिल विचार, अंग फड़कना और आसपास की प्रकृति और वातावरण को समझना आदि आते हैं। ज्योतिष के एक ग्रन्थ समुद्रिक शास्त्र में शरीर के अंगों के फड़कने के अर्थों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
 
 
उदाहरणार्थ किसी भी घटना के घटने से पहले हमारे शरीर के कुछ अंगों में कंपन आदि संकेत शुरू हो जाते हैं जैसा कि रामायण में भी आता है कि जैसे ही भगवान राम जब रावण से युद्ध करने के लिए निकले तभी से सीता माता को शुभ संकेत मिलने शुरू हो गए थे और रावण को सभी अशुभ संकेत आने लगे। संकेतों का शास्त्र कितना सही है या नहीं है हम ये नहीं जानते।
अंग फड़कना विचार:-
* पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर उसके शरीर के दाएं भाग में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है।
* किसी व्यक्ति के माथे पर अगर हलचल होती है तो भौतिक सुख
* कनपटी के पास फड़कन पर धन लाभ होता है।
* मस्तक फड़के तो भू-लाभ मिलता है।
* ललाट का फड़कना स्नान लाभ दिलाता है।
* नेत्र का फड़कना धन लाभ दिलाता है।
* यदि दाईं आंख फड़कती है तो सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं
* बाईं आंख में हलचल रहती है तो अच्छी खबर मिल सकती है।
* अगर दाईं आंख बहुत देर या दिनों तक फड़कती है तो यह लंबी बीमारी। 
* यदि कंधे फड़के तो भोग-विलास में वृद्धि होती है। 
* दोनों भौंहों के मध्य फड़कन सुख देने वाली होती है। 
* कपोल फड़के तो शुभ कार्य होते हैं। 
* नेत्रकोण फड़के तो आर्थिक उन्नति होती है। 
* आंखों के पास फड़कन हो तो प्रिय का मिलन होता है। 
* होंठ फड़क रहे हैं तो वन में नया दोस्त आने वाला है।  
* हाथों का फड़कना उत्तम कार्य से धन मिलने का सूचक है। 
* वक्षःस्थल का फड़कना विजय दिलाने वाला होता है। 
* हृदय फड़के तो इष्टसिद्धी दिलाती है। 
* नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुँचाता है। 
* उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है, 
* गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है। 
* कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है।
* ऐसे ही मुख के फड़कने से मित्र लाभ होता है और होठों का फड़कना प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत देता है।
पक्षियों व जानवरों का व्यावहार बदलना:-
*चींटी जब अपने अंडे ऊंचाई पर ले जाने लगे तो बारिश जरूर आती है।
*कौवा के छत पर कांव कांव करने से किसी के आने का आभास होता है।
*किसी भी घर या दुकान के मेन दरवाजे पर मकड़ी का जाला, वाहां ताला लगने का आभास कराता है।
*किसी भी अधिक बीमार को सफेद पक्षी देखना, मृत्यु का आभास है।
*यदि चलते हुए व्यक्ति पर चिड़िया बीट कर दे तो उसे राह में पड़ा हुआ धन मिलता है।
*छिपकली का किसी पर गिरना अधिकतर शुभ माना गया है।
*कबूतर को अशुभ माना गया है।
*तोते का दर्शन शुभ माना गया है।
*बिल्ली को अशुभ माना गया है।
*बकरी-बकरा शुभ माना गया है।
*मुर्गा शुभ माना गया है।
*हाथी दर्शन अति शुभ माना गया है।
*सूअर भी शुभ माना गया है।
*सांप के दर्शन दुखदाई है।
*चमगादड़ को देखना दुख, धोका, जादूटोना आदि।
*मधुमखी को अति शुभ माना गया है।
*घोड़ा भी शुभ माना गया है। भूतादि घोड़े से दूर रहते हैं।
•चील अशुभ है। चील जिस पेड़ पर आती है वो पेड़ सूख जाता है।
*चूहा यदि बिना कारण के मकान को छोड़ दे तो मकान गिर जाता है।
 
उपरोक्त में से कुछ जनश्रुति और मान्यताओं पर आधारित भी हैं। पाठक अपने स्व:विवेक का उपयोग करें।
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