मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी पर यह गणेश गायत्री मंत्र देगा साल भर की पूजा का फल
श्रीगणेश के अनुकूल होने पर पूरा संसार ही अनुकूल हो जाता है। बुद्धि का सही उपयोग ही सुखदायी व संकटमोचक होता है। कामनाओं को पूरा करने के लिए दिन या काम की शुरुआत में भगवान गणेश का ध्यान किया जाता है।
मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी पर गणेश गायत्री मंत्र बोल कर गणेश पूजा करने से श्री गजानन विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।
यह मंत्र हर काम में सफलता दिलाने वाला है। जानिए विशेष गणेश गायत्री मंत्र -
-स्नान के बाद भगवान गणेश को केसरिया चंदन, सिंदूर, अक्षत, दूर्वा के साथ मोदक का भोग लगाकर पीले आसन पर बैठ यथासंभव रुद्राक्ष या चंदन की माला से नीचे लिखा गणेश गायत्री मंत्र कार्य में सफलता की कामना से कम से कम 108 बार बोलें -
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती: प्रचोदयात्।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
इस मंत्र से श्री गणेश संपूर्ण पूजा का फल देते हैं।