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Last Updated : मंगलवार, 27 दिसंबर 2022 (21:59 IST)

27 दिसंबर को कौन से पंचक का प्रारंभ होगा, 5 बातें

27 दिसंबर को कौन से पंचक का प्रारंभ होगा, 5 बातें - Agni Panchak 2022
पंचक यानी पांच दिनों का काल। शास्त्रों में पंचक को बहुत ही अशुभ काल माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का आखिरी पंचक 27 दिसंबर 2022 को मंगलवार के दिन पंचक सुबह 03 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रहा है जो 31 दिसंबर 2022 को शनिवार के दिन सुबह 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगा। आओ जानते हैं कि इस बार के पंचक का क्या है नाम और कौनसी है 5 खास बातें।
 
 
पंचक के प्रकार जानिए:-
1.रविवार को पड़ने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है।
2.सोमवार को पड़ने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है।
3.मंगलवार को पड़ने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है।
4.शुक्रवार को पड़ने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है।
5.शनिवार को पड़ने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। 
6.इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है। इन दो दिनों में पड़ने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं।
panchak Kab Hai
इस बार अग्नि पंचक है। जानिए अग्नि पंचक की खास 5 बातें
 
1. अग्नि पंचक में अग्नि का भय ज्यादा रहता है।
 
2. इस पंचक में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य, छत निर्माण आदि तथा मशीनरी और औजार के कार्य करना अशुभ है।
 
3. इस पंचक में लकड़ी, कंडा या अन्य किसी भी प्रकार का ईंधन इकट्ठा नहीं करना चाहिए।
 
4. किसी भी प्रकार की पलंग खरीदना, शय्या का निर्माण करना या करवाना, बिस्तर खरीदना या बनवाना या इसका दान नहीं करना चाहिए।
 
5. पंचक में किसी की मृत्यु हुई है तो विधिवत रूप से दाह संस्कार करना चाहिए। 
 
पंचक में शंक समाधान :-
1. पंचक में अगर ईंधन इकट्ठा करना जरूरी हो तो पंचमुखी दीपक (आटे से निर्मित, तेल से भरकर) शिवजी के मंदिर में जलाएं, उसके बाद ईंधन खरीदें।
 
2. पंचक के दौरान अगर किसी कारणवश दक्षिण दिशा की यात्रा करना ही पड़ें तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा करें।
 
3. अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी है तब लकड़ी का सामान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर लकड़ी का फर्नीचर, पलंग तथा अन्य वस्तुएं की खरीदारी कर सकते हैं।
 
4. अगर इन दिनों घर के मकान की छत डलवाना जरूरी हो तो ऐसे समय में मजदूरों को मिठाई खिलाएं, तत्पश्चात छत डलवाने का कार्य करें। 
 
5. किसी रिश्तेदारी में शव दहन का समय हो या घर में अचानक किसी की मृत्यु हो गई हो तो पंचक होने के कारण शव दहन के समय 5 अलग पुतले बनाकर उन्हें अवश्य जलाएं। तत्पश्चात दाह संस्कार करें।