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13 जून को होगा पुरुषोत्तम मास समाप्त, लाभदायी होंगे ये खास 10 उपाय

13 जून को होगा पुरुषोत्तम मास समाप्त, लाभदायी होंगे ये खास 10 उपाय। adhik maas end date 2018 - adhik maas end date 2018
* 10 जून को पुरुषोत्तमी एकादशी, आजमाएं ये 10 उपाय और मंत्र 
 
पुरुषोत्तम मास/अधिकमास 13 जून, बुधवार को समाप्त हो जाएगा। यह भगवान श्रीहरि का  प्रिय महीना है। इस मास में भगवान विष्णु की उपासना का बहुत अधिक मह‍त्व है। 
 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीपल को भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप माना गया है। महाभारत में स्वयं  श्रीकृष्ण ने कहा है कि 'वृक्षों में मैं ही पीपल हूं'। इसलिए पीपल का वृक्ष बहुत ही पवित्र माना गया है।

जहां एक ओर यह महीना बहुत महत्वपूर्ण है, वहीं 10 जून को आने वाली पुरुषोत्तमी,  कमला एकादशी भी बहुत महत्व की है। इस दिन सुबह के समय पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाते वक्त 'अश्वत्थाय वरेण्याय सर्वैश्वर्यदायिने। अनन्तशिवरुपाय वृक्षराजाय ते नम:।।' इस मंत्र का पाठ करना बहुत ही लाभदायी सिद्ध होगा। इसके साथ ही पीपल के वृक्ष की 11 परिक्रमा लगाकर वृक्ष के तने में शुद्ध घी का दीपक जलाकर श्रीहरि विष्‍णु के मंत्रों का जाप करना लाभदायी रहेगा। 
 
आजमाएं ये 10 उपाय :-
 
 
* अगर आप धन-वैभव चाहते हैं तो कमला एकादशी के दिन पारद लक्ष्मी का पूजन करें। 
 
* इसके साथ ही किसी देवता का नाम या मंत्र का लेखन प्रतिदिन 108 बार करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
 
* मंदिर या धार्मिक स्थल की पवित्रता के कार्य में सहयोग करने से लाभ मिलेगा जैसे झाड़ू लगाना, पोंछा लगाना आदि। 
 
* घी और तेल के दीपक लगाकर कम से कम आधे घंटे एक निश्चित समय पर मौन रखने से मानसिक शक्ति वृद्धि होगी।

 
* कमला एकादशी के दिन किसी विष्णु-लक्ष्मी मंदिर जाकर विष्णुजी को तुलसी माला और माता लक्ष्मी को कमल गट्ट की माला चढ़ाएं। 
 
* परिजन, मित्र सहित किसी तीर्थस्थल पर दर्शन के लिए जाना चाहिए।
 
* किसी धर्मस्थल की परिक्रमा आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी।
 
* पुरुषोत्तम मास में किए गए इन विशेष उपायों के अतिरिक्त मनुष्य को ध्यान-दान, पूजा-पाठ, व्रत-जप आदि अवश्य करना चाहिए।

 
* इस माह आपके द्वारा दान दिया गया एक रुपया भी आपको सौ गुना फल देता है।
 
* पुराणे शास्त्रों में बताया गया है कि यह माह व्रत-उपवास, दान-पूजा, यज्ञ-हवन और ध्यान करने से मनुष्य के सारे पाप कर्मों का क्षय होकर उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।  
 
इससे जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में सबकुछ शुभ ही शुभ घटित होता है।

-आरके  
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