गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. 3 types of pooja

इन 3 तरह से करेंगे पूजा तो ही मिलेगा भगवान का शुभ आशीष, जरूर पढ़ें

इन 3 तरह से करेंगे पूजा तो ही मिलेगा भगवान का शुभ आशीष, जरूर पढ़ें - 3 types of pooja
पूजा करना सनातन धर्म का अभिन्न अंग है। ईश्वर ने हमें जीवन दिया है, हम उसे कैसे धन्यवाद दें। इसके समाधान हेतु हमारे शास्त्रों ने दैनिक पूजा का विधान बताया है। पूजा करने के विलग-विलग उद्देश्य होते हैं उनमें सर्वश्रेष्ठ व पवित्र उद्देश्य है ईश्वर के प्रति अपना प्रेम व कृतज्ञता ज्ञापित करना।
 
पूजा का तरीका व्यक्ति की श्रद्धा पर निर्भर है लेकिन हमारे शास्त्रों में पूजा करने के कुछ अनिवार्य अंग बताए गए हैं जिन्हें 'पंचोपचार', 'दशोपचार' व 'षोडषोपचार' पूजन कहा जाता है। आइए जानते हैं कि इन उपचार पूजनों के अंतर्गत क्या अनिवार्य हैं।
 
पंचोपचार पूजन-
 
1. गंध 2. पुष्प 3. धूप 4. दीप 5. नैवेद्य
 
दशोपचार- 
 
1. पाद्य 2. अर्घ्य 3. आचमन 4. स्नान 5. वस्त्र 6. गंध 7. पुष्प 8. धूप 9. दीप 10. नैवेद्य
 
षोडशोपचार-
 
1. पाद्य 2. अर्घ्य 3. आचमन 4. स्नान 5. वस्त्र 6. आभूषण 7. गंध 8. पुष्प 9. धूप 10. दीप 11. नैवेद्य 12. आचमन 13. ताम्बूल 14. स्तवन पाठ 15. तर्पण 16. नमस्कार
 
भगवान की पूजन के यह तीन प्रकार शास्त्रोक्त हैं, इनके द्वारा आराधना करने से मनचाहा वरदान मिलता है। अक्षत हर पूजन में अनिवार्य है। 
 
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]
 
ये भी पढ़ें
वास्तु और ज्योतिष टिप्स : पति-पत्नी के मीठे और सुंदर रिश्ते में कभी नहीं आएगी दरार, बंद होगी बेकार की तकरार