श्रावण विशेष: 30 दिनों तक रोज पढ़ें शिव जी के 160 शुभ नाम, मिलेगा वरदान  
					
					
                                       
                  
				  				
								 
				  
                  				  अनेक-अनेक वेद, पुराण और उपनिषद में भगवान भोलेनाथ की शुभ महिमा शंकर, नीलकंठ, महाकाल, देवों के देव महादेव आदि कई मंगलकारी नामों से गाई गई है, उनमें से 160 नाम यहां दिए जा रहे हैं। श्रावण मास के पावन पर्व पर अवश्य पढ़ें भगवान शिव के या 160 नाम...
				  																	
									  
	 
	भगवान शिव के 160 नाम
	 
	हर-हर महादेव, 
	रुद्र, 
	शिव, 
	अंगीरागुरु, 
				  
	अंतक, 
	अंडधर, 
	अंबरीश, 
	अकंप, 
	अक्षतवीर्य, 
	अक्षमाली, 
	अघोर, 
				  						
						
																							
									  
	अचलेश्वर, 
	अजातारि, 
	अज्ञेय, 
	अतीन्द्रिय, 
	अत्रि, 
	अनघ, 
	अनिरुद्ध, 
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	अनेकलोचन, 
	अपानिधि, 
	अभिराम, 
	अभीरु, 
	अभदन,
	अमृतेश्वर, 
	अमोघ, 
				  																	
									  
	अरिंदम, 
	अरिष्टनेमि, 
	अर्धेश्वर, 
	अर्धनारीश्वर, 
	अर्हत, 
	अष्टमूर्ति, 
				  																	
									  
	अस्थिमाली, 
	आत्रेय, 
	आशुतोष, 
	इंदुभूषण, 
	इंदुशेखर, 
	इकंग, 
	ईशान, 
				  																	
									  
	ईश्वर, 
	उन्मत्तवेष, 
	उमाकांत, 
	उमानाथ, 
	उमेश, 
	उमापति, 
	उरगभूषण, 
				  																	
									  
	ऊर्ध्वरेता, 
	ऋतुध्वज, 
	एकनयन, 
	एकपाद, 
	एकलिंग, 
	एकाक्ष, 
	कपालपाणि, 
				  																	
									  
	कमंडलुधर, 
	कलाधर, 
	कल्पवृक्ष, 
	कामरिपु, 
	कामारि, 
	कामेश्वर, 
				  																	
									  
	कालकंठ, 
	कालभैरव, 
	काशीनाथ, 
	कृत्तिवासा, 
	केदारनाथ, 
	कैलाशनाथ, 
				  																	
									  
	क्रतुध्वसी, 
	क्षमाचार,
	गंगाधर, 
	गणनाथ, 
	गणेश्वर, 
	गरलधर, 
	गिरिजापति, 
				  																	
									  
	गिरीश, 
	गोनर्द, 
	चंद्रेश्वर, 
	चंद्रमौलि, 
	चीरवासा, 
	जगदीश, 
				  																	
									  
	जटाधर, 
	जटाशंकर, 
	जमदग्नि, 
	ज्योतिर्मय, 
	तरस्वी, 
	तारकेश्वर, 
				  																	
									  
	तीव्रानंद, 
	त्रिचक्षु, 
	त्रिधामा, 
	त्रिपुरारि, 
	त्रियंबक, 
	त्रिलोकेश, 
				  																	
									  
	त्र्यंबक, 
	दक्षारि, 
	नंदिकेश्वर, 
	नंदीश्वर, 
	नटराज, 
	नटेश्वर, 
				  																	
									  
	नागभूषण, 
	निरंजन, 
	नीलकंठ, 
	नीरज, 
	परमेश्वर, 
	पूर्णेश्वर, 
	पिनाकपाणि, 
				  																	
									  
	पिंगलाक्ष, 
	पुरंदर, 
	पशुपतिनाथ, 
	प्रथमेश्वर, 
	प्रभाकर, 
	प्रलयंकर, 
				  																	
									  
	भोलेनाथ, 
	बैजनाथ, 
	भगाली, 
	भद्र, 
	भस्मशायी, 
	भालचंद्र, 
	भुवनेश, 
				  																	
									  
	भूतनाथ, 
	भूतमहेश्वर, 
	भोलानाथ, 
	मंगलेश, 
	महाकांत, 
	महाकाल, 
				  																	
									  
	महादेव, 
	महारुद्र, 
	महार्णव, 
	महालिंग, 
	महेश, 
	महेश्वर, 
	मृत्युंजय, 
				  																	
									  
	यजंत, 
	योगेश्वर, 
	लोहिताश्व, 
	विधेश, 
	विश्वनाथ, 
	विश्वेश्वर, 
				  																	
									  
	विषकंठ, 
	विषपायी, 
	वृषकेतु, 
	वैद्यनाथ, 
	शशांक,
	शेखर, 
	शशिधर, 
				  																	
									  
	शारंगपाणि, 
	शिवशंभु, 
	सतीश, 
	सर्वलोकेश्वर, 
	सर्वेश्वर, 
	सहस्रभुज, 
				  																	
									  
	साँब, 
	सारंग, 
	सिद्धनाथ, 
	सिद्धीश्वर, 
	सुदर्शन, 
	सुरर्षभ, 
	सुरेश, 
				  																	
									  
	हरिशर, 
	हिरण्य, 
	हुत 
	सोम, 
	सृत्वा, 
	आदि।
	
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