गुरुवार, 10 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. आलेख
  4. 5 Mistakes Of Life
Written By

जीवन में कभी भी नहीं करनी चाहिए ये 5 गलतियां, आप भी जान लीजिए

गलती
हमारे शास्त्रों में ऐसी कई बातें हैं जो हमें जीने का सलीका तो सिखाती ही हैं, हमें गलत मार्ग पर जाने से भी रोक ती है। जानिए ऐसी 5 गलतियां जो आपको जीवन में कभी भी नहीं करनी चाहिए -  
 
1 भेद बताना - बहुत से लोग ऐसे हैं, जो हर एक के सामने अपना दुख-दर्द सुनाते रहते हैं और अपने घर का भेद दूसरों पर जाहिर करते हैं। इससे घर और परिवार में बिखराव होता है। ऐसे लोग कमजोर माने जाते हैं। ऐसे लोगों का बहुत से दूसरे लोग शोषण भी करते हैं।
 
2 बैर रखना - पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार करना हर धर्म सिखाता है लेकिन कितने हैं, जो ऐसा करते हैं। पड़ोसियों से अच्‍छा व्यवहार न करने का मतलब है कि आप खुद की और दूसरों की शांति भंग कर रहे हैं। आप जहां भी जाएंगे शांति भंग ही करते रहेंगे। ऐसे लोग हमेशा यदि सोचते रहते हैं कि शांति भंग करने वाला मैं नहीं पड़ोसी ही है, यह जाएगा तभी जीवन में शांति आएगी। ऐसे लोग एक दिन खुद बेघर हो जाते हैं।
 
3 निंदा - बहुत से लोग बहुत जल्द ही किसी के बारे में अपनी राय कायम कर उसकी तारीफ या निंदा करने लग जाते हैं, जो कि एक सामाजिक बुराई है। कुछ लोग तो एक-दो मुलाकात में ही किसी के बारे में अपनी राय कायम कर भाषण देने लग जाते हैं।
 
4 धर्म की बुराई - आजकल धर्म की बुराई करने का फैशन है खासकर हिन्दू धर्म की। लोग हिन्दू धर्म की बुराई आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि यह धर्म लोगों की स्वतंत्रता को महत्व देता है। किसी देवी-देवता और ऋषि-मुनि की बुराई करने वाले लोग यह नहीं जानते हैं कि यह बात वे सभी देवी-देवता सुन रहे हैं जिनकी आप बुराई कर रहे हैं, मजाक उड़ा रहे हैं या जिन पर आप चुटकुले बना रहे हैं। जिन्होंने गहरा ध्यान किया है ऐसे लोग जानते हैं कि देवता होते हैं और वे सुनते हैं। ऐसे लोगों को सजा भी मिलती है। देवताओं का साथ छोड़ देना ही सजा है।
 
5 लालच - लाखों लोग ऐसे हैं, जो दूसरों का धन हड़पने की इच्छा रखते हैं या हड़प ही लेते हैं। लाखों लोग ऐसे भी हैं, जो दूसरों का हक मारते रहते हैं। यहां तक तो ठीक है लेकिन अब उन लोगों की संख्‍या भी बढ़ती जा रही है, जो दूसरों के विचार चुराकर उसे खुद का बताकर प्रस्तुत करते हैं। दूसरों का आइडिया चुराकर उसे खुद का आइडिया कहकर प्रस्तुत करते हैं। इस तरह का प्रयास भी धर्म में निषिद्ध कर्म कहा गया है।