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Last Modified: रविवार, 12 फ़रवरी 2023 (18:13 IST)

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और देवबंद सिर तन से जुदा करने वालों को दे रहे संरक्षण : डॉ. सुरेंद्र जैन

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और देवबंद सिर तन से जुदा करने वालों को दे रहे संरक्षण : डॉ. सुरेंद्र जैन - Statement of Dr. Surendra Jain regarding Jamiat Ulema e Hind and Deoband
मेरठ पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद के केंद्र में ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर सुरेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली अधिवेशन में इस्लाम के 2 चेहरे दिखाई दिए हैं। एक जमीयत उलेमा और दूसरा देवबंद है। उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जेहादी गतिविधियों का कहकरा देवबंद में पढ़ाया जा रहा है।

इस्लामिक देवबंद में पढ़ने वाले छात्र शिव विहार गए और वहां पेट्रोल बम फेंककर खुलेआम कत्लेआम हुआ, जिसमें आईबी के इंस्पेक्टर समेत कितने निर्दोष मौत के घाट उतार दिए गए। तब यह जमीयत उलेमा और देवबंद कहां चले गए थे, क्यों नहीं इन लोगों के खिलाफ फतवा जारी हुआ?

डॉ. सुरेंद्र ने दिल्ली में हुई जमीयत उलेमा-ए-हिन्‍द के अधिवेशन में मौलाना महमूद असद मदनी के बयान कि भारत हमारी मातृभूमि है, जितना यह नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत का है, उतना ही महमूद मदनी का है, हमारा है। मदनी के इस कथन को सुरेंद्र जैन ने मुंह में राम, बगल में छुरी वाली कहानी बताया है। उन्होंने कहा कि कब्जा करने वाले ऐसी ही बात करते हैं।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि मैं मदनी से पूछना चाहता हूं कि अगर वह हम हिन्दुओं से अलग नहीं और भारत के नागरिक हैं तो वह सिर तन से जुदा करने वालों के मददगार और संरक्षक क्यों हैं? यह वह लोग हैं, जो अपने को अल्पसंख्यक बताकर साफ्ट चेहरा दिखाते हैं, खुद को पीड़ित कहते हैं। हकीकत तो यह है कि ये अत्याचारी हैं और जो चेहरा बाबर और गजनी का भारत में था, वही चेहरा इनका है।

विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्र में ज्वाइंट सेक्रेटरी ने कहा कि मैं जमीयत उलेमा-ए-हिन्द मौलाना मदनी और ओवैसी से पूछना चाहता हूं कि यदि वह भारतीय नागरिक हैं तो उनके पूर्वजों ने पाकिस्तान का समर्थन क्यों किया? 1946 के चुनाव में 95 फीसदी मुसलमानों ने मुस्लिम लीग को वोट दिया, क्या यह पाकिस्तान का समर्थन नहीं था?

मदनी और ओवैसी अपना आदर्श बाबर और गजनी को मानते हैं, तभी तो लाल किला और हुमायूं का मकबरा ले जाने की बात करते हैं। CAA पर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और देवबंद ने सबसे पहले विरोध किया, यदि भारतीय हैं तो विरोध क्यों? यह लोग हिन्दुओं के हत्यारों के साथ खड़े हैं, सिर तन से जुदा करने वालों के साथ हैं।

सुरेंद्र जैन ने भारत में जेहाद को बड़ी चुनौती बताया है। उनके मुताबिक जेहादी अपना रंग-रूप बदलकर सामने आ रहे हैं। यह लोग अलताकिया हैं, जिसका अर्थ धोखा देने वाला होता है। यदि यह सच्चे भारतीय हैं तो कितने आतंकियों को, कितने सिर तन से जुदा का नारा देने वाले लोगो को फतवा दिया है? सुरेंद्र जैन ने कहा, मैं जमीयत उलेमा और देवबंद से तीन बातें पूछना चाहता हूं कि उनकी वलदीयत क्या है, उनके पूर्वज कौन हैं, डैडी ईशू जो आज के मुसलमानों के लिए बड़ी चर्चा में हैं।

उन्होंने कहा कि मैं यह भी जानना चाहता हूं कि यदि यह भारत के हैं तो देश विरोधी गतिविधियां क्‍यों करते हैं, इस्लाम उनका विरोध करता है, ऐसे लोगों के लिए इन्होंने क्या किया है? भारत को दारूल उलूम बनाने का सपना देखने वाले भूल जाएं कि वर्तमान का भारत 1947 से पहले का भारत नहीं है, न ही पहले वाले हिन्दू हैं। जो अब सिर तन से जुदा करने की बात करेगा उसको बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने रामचरितमानस का अपमान करने वालों को हिदायत दी कि वह संतों की शरण में जाकर ज्ञान लें और जनता से अपने कृत्य के लिए माफी मांगें। कश्मीरी पंडितों के लिए बोलें कि कश्मीरी पंडितों को अब वापस जाना चाहिए।

उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कहा कि राहुल क्या भारत को टूटा हुआ महसूस कर रहे हैं, जो भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। राहुल ने इस यात्रा में भारत को नहीं जोड़ा, बल्कि उन लोगों को जोड़ा है जो टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य हैं, वह इस यात्रा से जुड़े हैं।

देश में जनसंख्या का असंतुलन बिगड़ रहा है, उत्तर प्रदेश ने कई महत्वपूर्ण विषयों में पहल की है, इसलिए मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी से अपील करता हूं कि वह जल्‍द ही जनसंख्या कानून बनाएं। वैसे यह कानून पूरे देश में बनना चाहिए।