शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. पेरिस ओलंपिक 2024
  4. I'm on the third day of my periods Had weakness mirabai chanu after missing medal by 1 kg
Written By WD Sports Desk
Last Updated : गुरुवार, 8 अगस्त 2024 (14:06 IST)

पीरियड्स का तीसरा दिन था और मुझे...मेडल से चुकने के बाद बोलीं मीराबाई चानू

merabai chanu period hindi news
Mirabai Chanu Paris Olympics : 7 अगस्त का दिन ओलंपिक में भारत के लिए काफी निराशाजनक रहा था लेकिन रात में भारत को मीराबाई चानू से पदक की उम्मीद थी लेकिन वे पेरिस ओलंपिक में कोई धमाल नहीं कर पाई। मीराबाई चानू दूसरा ओलंपिक पदक जीतने के काफी करीब आ गई थीं, और 8 अगस्त को उनका जन्मदिन आता है, ऐसे में उनके पास इतिहास रचना का मौका था लेकिन उनके अंतिम प्रयास में असफल लिफ्ट ने उनके सपने को बुरी तरह छीन लिया, वह बुधवार को पेरिस 2024 में महिलाओं की 49 किग्रा स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं।

मीराबाई ने कुल 199 किग्रा (88 किग्रा+111 किग्रा) वजन उठाया। यह टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक के लिए उनके कुल वजन (202 किग्रा) से 3 किग्रा कम था। मीराबाई चानू मामूली अंतर से भारत को पदक दिलाने से चुकी।

पूर्व विश्व चैंपियन ने  स्नैच राउंड के बाद खुद को पदक की दौड़ में बनाए रखने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन अंतिम क्लीन एंड जर्क प्रयास में 114 किग्रा वजन उठाने में असफल होना उनके लिए महंगा पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि वे भारत को पदक दिलाने से क्यों चुकी। टोक्यो 2020 की रजत पदक विजेता 1 किग्रा वजन से कांस्य पदक हासिल करने से चूक गईं और चौथे स्थान पर रहीं।  
 
 मीराबाई चानू ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं और उन्होंने पदक जीतने के लिए अपनी पूरी कोशिश की, उन्होंने अपना 100 प्रतिशत दिया उन्होंने बताया कि यह उनके पीरियड्स का तीसरा दिन था, जिससे उन्हें थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही थी.
 
उन्होंने कहा  कहा, "यह मेरे पीरियड्स का तीसरा दिन था, मैं थोड़ी कमजोर भी थी. इसका मेरे खेल पर असर पड़ा, मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन आज मेरा दिन नहीं था."
 
 "मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं क्योंकि चोट से उबरने के बाद मुझे तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला "मैंने अभ्यास में 85 किलोग्राम वजन उठाया और इस इवेंट में भी वही किया. मुझे क्लीन एंड जर्क में अच्छे प्रदर्शन का विश्वास था. सब कुछ ठीक चल रहा था और मैंने कोच की हर बात मानी. आज किस्मत मेरे साथ नहीं थी, मैं पदक नहीं जीत सकी लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया."