शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Why are Hindu temples and worship pavilions on target in Bangladesh?
Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : सोमवार, 18 अक्टूबर 2021 (13:50 IST)

बांग्लादेश : क्यों निशाने पर हैं हिन्दू मंदिर और पूजा मंडप?

बांग्लादेश : क्यों निशाने पर हैं हिन्दू मंदिर और पूजा मंडप? - Why are Hindu temples and worship pavilions on target in Bangladesh?
नई दिल्ली/ ढाका। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। बांग्लादेश की सियासत भी इससे गर्मा गई है। गृह मंत्री असद्दुजमन खान दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों पर जो हमले हुए वे प्री-प्लांड थे और हसीना सरकार को बदनाम करने की साजिश है। कट्टरपंथियों की भीड़ हिन्दू धार्मिक स्थलों, देवी-देवताओं की मूर्तियों को निशाना बना रही है और उनके घरों को आग के हवाले कर रही है। कोमिल्ला जिले से शुरू हुई हमलों की यह आग अब नोआखाली और राजधानी ढाका तक फैल चुकी है। आखिर कैसे शुरू हुई यह हिंसा की आग जानिए विस्तार से- 
 
पूजा पांडाल में कुरान से फैली अफवाह : हिन्दू मंदिरों पर हमले 13 अक्टूबर से शुरू हुए जब अष्टमी के दिन मूर्ति विसर्जन के मौके पर कई पूजा मंडपों में तोड़फोड़ हुई। सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी थी कि पूजा पंडाल में कुरान मिली है। इसके बाद कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं। चिट्टागांव के कोमिला इलाके में दुर्गा पंडालों पर हुए हमलों में 4 लोगों की मौत हुई थी। चांदपुर, चिट्‌टागांव, गाजीपुर, बंदरबन, चपाईनवाबगंज और मौलवीबाजार में कई पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की गई।
 
क्या कहते हैं विश्लेषक : भारत में विश्लेषकों ने बांग्लादेश में हिंसा पर चिंता जताई है। बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त रह चुके चक्रवर्ती ने कहा कि यह चिंताजनक घटनाक्रम है और इसे सावधानी से संभालने की जरूरत है।यह लोकतंत्र और उस सांप्रदायिक सौहार्द्र को अस्थिर करने की भी कोशिश है जिसे हसीना सरकार लेकर आई है।  हालांकि बांग्लादेश की सरकार ने कोमिला जिले के कुछ कस्बो में शुरू हुए हमलों से निपटने के लिए तेजी से कार्रवाई की, लेकिन रणनीतिक विश्लेषक और पूर्व भारतीय राजदूत पिनक आर चक्रवर्ती का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन की स्थापना से उत्साहित इस्लामवादियों के नए सिरे से सिर उठाने को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
200 लोगों की भीड़ ने मार डाला : बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले के विरोध में रविवार को इस्कॉन मायापुर एवं कोलकाता के सदस्यों ने प्रदर्शन कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने मंदिर पर हमले के विरोध में दोनों जगहों पर कैंडल मार्च निकाला तथा कीर्तन गाया और 'हरे कृष्णा' के नारे लगाए। 2 दिन पहले बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे।
कोलकाता में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश उप उच्चायोग के बाहर लगभग 2 घंटे तक प्रदर्शन किया। मंदिर की समिति ने यह दावा भी किया कि 200 लोगों की भीड़ ने इस्कॉन के एक सदस्य पार्थो दास को बेरहमी से मार डाला, जिनका शव मंदिर के पास वाले तालाब में मिला। शुक्रवार को नोआखाली जिले में ही बेगमगंज इलाके में जतन कुमार साहा नाम के एक शख्स को मार डाला गया, जबकि 17 लोग घायल हुए।
 
इस्कॉन ने शेयर की थी भयावह तस्वीरें : इस्कॉन ने ट्वीट कर भयावह तस्वीरें शेयर की थी। इन फोटो में साफ साफ दिख रहा है कैसे हिंसक भीड़ ने मंदिर को नुकसान पहुंचाया है। वहीं इस्कॉन ने कहा कि श्रद्धालुओं पर भीड़ ने हिंसक हमला किया। मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा है और कई श्रद्धालुओं की हालत गंभीर बनी हुई है।

इस्कॉन ने कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को न्याय के दायरे में लाने की मांग करते हैं। इस्कॉन ने की यूएन दल भेजने की मांग की। इस्कॉन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हिंसा के इस चक्र को रोकने के लिए शेख हसीना से बात करने की अपील की।
 
तालिबान ने बांग्लादेश से की थी भर्ती : तालिबान ने 1990 में बड़े पैमाने पर अपने लड़ाकों की भर्ती बांग्लादेश से की थी। बांग्लादेश की सरकार ने हाल के वर्षों में बांग्लदेश जमात-ए-इस्लामी के कई नेताओं जो वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराध के दोषी थे उन्हें फांसी की सजा दी है। बांग्लादेश ने पूर्व में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश सहित चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की थी और इनके नेताओं व कार्यकर्ताओं को या तो गिरफ्तार किया था या मुठभेड़ में मार गिराया था।
भारत-बांग्लादेश के संबंधों में दरार की साजिश : पूर्व आईपीएस अधिकारी और मॉरीशस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका निभा चुके शांतनु मुखर्जी कहते हैं कि हमारे पास यह विश्वास करने के कारण मौजूद हैं कि यह बड़ी साजिश का हिस्सा था जिसे भारत और बांग्लादेश से शत्रुता रखने वाले तत्वों ने रचा। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद इस्लामिक शक्तियां उत्साहित प्रतीत हो रही हैं।

कई विश्लेषकों का मानना है कि तालिबान की जीत से उत्साहित ये तत्व फिर से शेख हसीना सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं। पूर्व में कई बार हसीना का तख्तापलट करने और उनकी हत्या करने की कोशिश हो चुकी है। राजदूत पिनक चक्रवर्ती ने कहा कि युद्ध अपराध प्राधिकरण की सजा से उनका (इस्लामवादियों) का बदला लेने का तरीका है जिससे उनकी सरकार के भारत से संबंध अस्थिर हो सकते हैं।
 
इस्लामिक राष्ट्र नहीं : गृह मंत्री असद्दुजमन खान दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों पर जो हमले हुए वे प्री-प्लांड थे और हसीना सरकार को बदनाम करने की साजिश है। बांग्लादेश के सूचना राज्य मंत्री मुराद हसन ने कहा कि बांग्लादेश एक सेक्युलर राष्ट्र है और हम राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजिबर रहमान के बनाए हुए 1972 वाले संविधान की ओर लौटेंगे। बांग्लादेश कभी भी धार्मिक कट्‌टरपंथियों की पनाह गाह नहीं हो सकता।
 
शेख हसीना की चेतावनी : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हिंदू नेताओं के साथ बैठक में पहले ही हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा कर चुकी हैं और मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने संकेत दिया है कि पूजा की झांकी में कुरान का प्राप्त होना जिससे हिंसा फैली, साजिश के तहत उपद्रवियों द्वारा स्थापित की गई थी। हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चेताया है कि हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा स्थलों पर हमलों में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा।