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Last Updated : शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2015 (11:53 IST)

ताज महल में कृत्रिम रोशनी सही नहीं

Taj mahal ताज महल कीट
नई दिल्ली। शीर्ष पुरातत्वविदों ने यह कहते हुए ताजमहल में कृत्रिम रोशनी किए जाने पर आपत्ति जताई है कि ताजमहल ऐसा स्मारक नहीं है जिसके साथ प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि रोशनी के कारण आकर्षित होने वाले कीट ताजमहल की संगमरमर की सतह पर मलत्याग करके उसे नुकसान पहुंचाते हैं।
 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार 17वीं सदी के विश्व विरासत स्थल पर कुछ महीनों पहले सुरक्षा प्रकाश स्तम्भ लगाए गए थे ताकि वहां रोशनी रह सके और पर्यटकों को रात में भी आने के लिए आकर्षित किया जा सके।
 
अधीक्षण पुरातत्वविद (विज्ञान शाखा) एम के भटनागर ने कहा,  'संगमरमर से बने इस स्मारक में प्रत्यक्ष रोशनी करने से कीटों की एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है। ये कीट प्रकाशित हिस्से के फर्श और दीवारों पर बैठते हैं और इसकी सतह पर मलत्याग करते हैं जिससे इस पर एक रंग छूट जता है और इससे वास्तुकला के इस आदर्श स्मारक की सुंदरता को नुकसान होता है। 
 
भटनागर ने आगरा से फोन पर बातचीत के दौरान से कहा, हमने (विज्ञान शाखा) एएसआई के महानिदेशक, विज्ञान शाखा (एएसआई) के निदेशक, एएसआई आगरा मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद और सीआईएसएफ को पत्र भेजकर लाइट तत्काल बंद करने का अनुरोध किया है। (भाषा)