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Last Modified: बुधवार, 27 मई 2020 (16:06 IST)

नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता : रविशंकर प्रसाद

नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता : रविशंकर प्रसाद - No one can show India an eye: Ravi Shankar Prasad
नई दिल्ली। लद्दाख से लगी सीमा पर चीन के आक्रामक रुख के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को स्पष्ट किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता है। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।

उनसे राहुल गांधी के उस बयान को लेकर सवाल पूछा गया था जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि चीन के साथ सीमा पर कथित तनातनी और भारत-नेपाल रिश्तों में आई हालिया तल्खी से जुड़े मुद्दों को लेकर पारदर्शिता की जरूरत है और सरकार को देश को इस बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।

प्रसाद ने कहा, नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता है।प्रसाद ने कहा कि उन्होंने एक लाइन में इस प्रश्न का जवाब दे दिया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। समझा जाता है कि इस बैठक में बाह्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब मंगलवार को ही चारों जनरलों ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी, जहां पिछले करीब 20 दिनों से भारत और चीन के सैनिक आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने कल बताया था कि भारत, चीन से लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर सामरिक क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास की परियोजनाओं को नहीं राकेगा और चीन के इन्हें रोकने के किसी तरह के दबाव में नहीं आएगा।
गौरतलब है कि लद्दाख में स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 5 मई को झड़प हो गई और इसके बाद स्थानीय कमांडरों के बीच बैठक भी हुई। इस घटना में भारतीय और चीनी पक्ष के 100 सैनिक घायल हो गए थे। इस घटना पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। 9 मई को उत्तरी सिक्किम में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी।(भाषा)
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