NRC पर अमित शाह का बड़ा बयान, किसी शरणार्थी को जाने नहीं देंगे और घुसपैठिये को रहने नहीं देंगे
कोलकाता। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) पर सरकार के संकल्प को दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि देश से किसी शरणार्थी को जाने नहीं देंगे और घुसपैठिये को रहने नहीं देंगे।
शाह ने एनआरसी पर भाजपा की एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है और इसे लागू किया जायेगा लेकिन उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि इससे पहले सभी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस एनआरसी के बारे में लोगों को गुमराह कर रही हैं।
गत 31 अगस्त को नागरिकों की अंतिम सूची से बड़ी संख्या में हिंदुओं समेत लगभग 12 लाख बंगाली भाषी लोगों के बाहर होने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने असम में एनआरसी कवायद को बंगाली विरोधी कदम के रूप में पेश करने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा कि NRC के मुद्दे पर बंगाल के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। मैं भाजपा के रुख पर सभी संशयों को स्पष्ट करने के लिए आज यहां हूं। ममता दी कह रही हैं कि लाखों हिंदुओं को पश्चिम बंगाल छोड़ना होगा। इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी लागू किया जाएगा लेकिन इस तरह का कुछ भी नहीं होने जा रहा है। मैं सभी हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन शरणार्थियों को आश्वस्त करता हूं कि उन्हें देश छोड़ना नहीं पड़ेगा, उन्हें भारतीय नागरिकता मिलेगी और उन्हें एक भारतीय नागरिक के सभी अधिकार मिलेंगे।
शाह ने कहा कि किसी भी घुसपैठिये को भारत में रहने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी शरणार्थी को जाने नहीं देंगे, किसी घुसपैठिये को रहने नहीं देंगे। हम एक-एक घुसपैठिये को देश से बाहर करेंगे। इतने सारे घुसपैठियों का बोझ उठाते हुए दुनिया का कोई भी देश आसानी से नहीं चल सकता। इसे रोकना होगा। हम बंगाल को बदलने के वास्ते काम कर रहे हैं। एनआरसी जरूरी है। हमें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनआरसी को लागू करना होगा।