कर्नाटक तक पहुंची मध्यप्रदेश की सियासी लड़ाई, बेंगलुरु में धरने पर बैठे दिग्विजय सिंह हिरासत में
मध्य प्रदेश की सियासत में आज का दिन काफी अहम होने जा रहा है। भाजपा की फ्लोर टेस्ट कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट आज कांग्रेस के बागी विधायकों के इस्तीफे और उनको बेंगलुरू से भोपाल लाने पर कोई निर्णय दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10.30 बजे मध्यप्रदेश के सियासी नाटक पर सुनवाई होगी।
वहीं मध्यप्रदेश में सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के निगाहें अब पूरी तरह बेंगलुरू के बागी विधायकों पर टिक गई है। सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाले अहम सुनवाई से पहले बेंगलुरू में ठहरे बागी विधायकों से मिलने और उनको वापस भोपाल लाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अचानक से बेंगलुरु पहुंच गए है। दिग्विजय सिंह के साथ कमलनाथ सरकार के कई मंत्री भी बागी विधायकों से मिलने के लिए अल सुबह रामडा होटल के बाहर तक पहुंच गए है।
बागी विधायकों से मिलने की मांग पर अड़े कांग्रेस नेताओं को जब पुलिस ने होटल के अंदर नहीं जाने दिया तो उन्होंने बाहर धरना देना शुरु कर दिया है।इससे पहले दिग्विजय के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं की पुलिस के साथ जोरदार बहस भी हुई। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनको अपने विधायकों से ही नहीं मिलने दे रही है। इसके बाद बंगलुरू पुलिस ने दिग्विजय सिंह समेत सभी कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया।
दिग्विजय ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा पर विधायकों को बंधक बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की भाजपा सरकार जानबूझकर उनको विधायकों से नहीं मिलने दे रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा को डर है कि अगर दिग्विजय सिंह इन विधायकों से मिल लिया तो उसका पूरा खेल खराब हो जाएगा। इसलिए वह उनको विधायकों से नहीं मिलने दे रही है। दिग्विजय सिंह के साथ मंत्री तरुण भनोट,लखन घनघोरिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, विधायक कुणाल चौधरी समेत कई विधायक पुहंचे है।