बाबा को नहीं मिल रही वीआईपी सुविधा
चंडीगढ़। स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम वर्ष 2002 के बलात्कार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रोहतक में सुनारिया जेल की ‘अप्रूवल सेल’ में बंद है और अब वह कैदी नंबर 1997 बन गया है। जेल अधिकारियों के अनुसार, जेल की इकलौती अप्रूवल सेल में 12 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन डेरा प्रमुख को कोठरी में अकेले रखा गया है।
उन्होंने बताया कि अब कैदी नंबर 1997 बना डेरा प्रमुख ने आधी रात तक कोठरी के भीतर टहलते हुए पहली रात बिताई। पंचकूला से कल यहां पहुंचने पर गुरमीत ने बेचैनी महसूस होने की शिकायत की लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें चिकित्सा जांच में स्वस्थ पाया।
जेल अधिकारियों ने कहा कि आधी रात तक उसने कोठरी में टहलकर समय गुजारा। उन्होंने बताया कि उसे रात के भोजन में एक कटोरी दाल, दो रोटी और मिक्स अचार दिया गया। इस बीच हरियाणा के डीजीपी (जेल) केपी सिंह ने आज कहा कि डेरा प्रमुख को कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख की बैरक के पास उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चार अधिकारी ड्यूटी पर हैं।
डीजीपी ने कहा कि उसे कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है। उसके साथ अन्य सामान्य कैदी की तरह बर्ताव किया जा रहा है। एक सामान्य कैदी जमीन पर सोता है और वह भी ऐसा ही कर रहा है। बहरहाल, अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि एक हाई प्रोफाइल कैदी को जेल के भीतर सुरक्षित रखना एक चुनौती है लेकिन उन्होंने कहा कि परेशानी से बचने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने डेरा प्रमुख को जेल के भीतर सुरक्षित रखने के लिए सभी बंदोबस्त किए हैं। उनका अन्य कैदियों से कोई संपर्क नहीं है। (भाषा)