पक्षी, मछलियाँ जैविक आतंकवाद का शिकार!
हाल ही में अमेरिका के अरकांसस प्रांत के बीबे कस्बे में नए साल की रात को आसमान से यकायक मरे और अर्धमृत परिन्दों की बारिश होने लगी। इतना ही नहीं अरकांसस नदी में हजारों मछलियाँ भी मरी हुई पाई गईं।स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार 5 हजार से भी ज्यादा परिन्दे आसमान से धरती पर आ गिरे। लाल चोंच वाले यह ब्लैकबर्ड प्रजाति के परिन्दे एक साथ हजारों की तादाद में सफर तय करते हैं। स्थानीय विशेषज्ञों की मानें तो यह पक्षी किसी वॉशिंग मशीन जैसे तूफान की चपेट में तब आ गए होंगे जब वे किसी पेड़ पर रात में आराम कर रहे होगें, पर मौसम विभाग ने रिपोर्टों को खारिज करते हुए साफ किया है कि उस रात कोई तूफान अरकांसस की ओर नहीं गया था। स्थानीय फॉरेस्ट कमीशन के अफसर रॉबी किंग जिन्होंने खुद इस घटना को देखा है, का कहना है कि इस प्रकार की घटना हालाँकि असामान्य है पर अनोखी नहीं। कई बार परिन्दे आकाशीय बिजली या झंझावात के शिकार होते है। पर यह घटना रात को हुई है तो जरूर किसी वजह से इन दुर्भाग्यशाली पंछियों ने रात में उड़ान भरी होगी, जो आमतौर पर ये नहीं करते हैं। केरेन रॉवी जो एक पक्षी विज्ञानी है, ने इस घटना का जिम्मेदार नए साल के जश्न के दौरान की जा रही आतिशबाजी को बताया और कहा कि प्रारंभिक परिक्षण से पता चला है कि यह परिन्दे आघात और जोर से जमीन पर गिरने से मरे हैं, जिसकी एकमात्र वजह एकाएक हुआ धमाका या जोरदार शोर हो सकता है। मीडिया में इस बात के साफ होते ही जब इस मामले की और पड़ताल की गई तो पता चला कि सिर्फ परिन्दे ही उस कातिल रात के अकेले शिकार नहीं थे बल्कि पास ही में अरकांसस प्रांत की ओर्जक नामक जगह पर तकरीबन 20 मील के क्षेत्र में अरकांसस नदी के तट पर मृत ड्रम फिश के ढेर लगे थे। अमेरीकी मत्स्य विभाग के कीथ स्टीवन ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि 'हाँ, अरकांसस नदी में मरी हुई हजारों मछलियाँ मिली हैं, जिसकी जाँच के लिए नमूने भी एकत्र कर लिए गए हैं। पर उन्होंने इसकी वजह किसी बीमारी को बताते हुए ज्यादा तूल न देते हुए इसे हर साल होने वाली घटना बताया पर इतनी बड़ी तादाद में एक ही प्रजाति की मछलियों के मरने पर आश्चर्य भी जताया। स्थानीय रहवासियों और नाविकों ने भी एक ही रात में हजारों मछलियों के मरने को अजीब बताया। जीव विज्ञानियों के मुताबिक बीबे में आसमान से मृत परिन्दे गिरने की घटना और अरकांसस नदी में हजारों मछलियों के मरने को एकसाथ नहीं जोड़ा जा सकता पर इन घटनाओं को नजरअंदाज भी नहीं किया जाना चाहिए। कस्बे के लोग इसकी वजह जानने के लिए इस वजह से भी ज्यादा बेताब है कि अगर यह किसी प्रकार के प्रदूषण की वजह से हुई है तो निश्चित ही वहाँ के निवासियों को भी इससे खतरा हो सकता है। बहरहाल यह परिन्दे और मछलियाँ क्यों और कैसे मौत के आगोश में समा गए, इसकी जाँच की जा रही है पर कुछ लोगों ने इसे जैविक आतंकवाद, तो कुछ लोगों ने सीआईए द्वारा किसी नए रसायन के परीक्षण को इसकी वजह बताया है।