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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 मई 2015 (23:13 IST)

आईपीएल सट्टेबाजी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के छापे

आईपीएल सट्टेबाजी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के छापे - ipl, spot fixing, ED, Raids, ipl8
नई दिल्ली।प्रवर्तन निदेशालय ने आईपीएल टी20 क्रिकेट मैचों से जुड़े सट्टेबाजी गिरोहों के खिलाफ हवाला और मनी लाउंड्रिंग की जांच के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई और जयपुर समेत कई शहरों में आज छापे मारे और दिल्ली में रहने वाले एक संदिग्ध सट्टेबाज को गिरफ्तार किया। 
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने संदिग्ध सट्टेबाज मुकेश शर्मा को ब्रिटिश स्थित सट्टेबाजी वेबसाइट के संचालन और आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाने के आरोपों के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। उन्हें मनी लाउंड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। 
 
सूत्र ने कहा, ‘शर्मा को अहमदाबाद ले जाने के लिये ट्रांजिट रिमांड लेने के लिए कल अदालत में पेश किया जाएगा।’ उन्होंने बताया कि वेबसाइट के भारत में 50 लाख गैरकानूनी यूजर्स हैं और इनके पासवर्ड कथित रूप से गिरफ्तार आरोपी एक्टिवेट करता था। 
 
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन शहरों के लगभग आठ स्थानों पर छापे मारे। इनमें महाराष्ट्र का ठाणे और गुड़गांव भी शामिल है। एजेंसी के अहमदाबाद कार्यालय ने इन शहरों में अपनी स्थानीय ईकाइयों के सहयोग से छापे मारे।
 
सूत्रों ने कहा ‘ये छापे इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट में सट्टेबाजी में सक्रिय कुछ शीर्ष सूत्रों की जांच के लिए मारे गए। एजेंसी ने दस मई को भी इस तरह की पड़ताल की थी।’ उन्होंने बताया कि इस साल आईपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी में लिप्त संदिग्धों की जांच के लिए यह कार्रवाई की गई।
 
इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में छापे मारे गए थे, जिसमें दिल्ली के दो कथित सटोरियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 26 लाख रुपए से अधिक नकद, कम्प्यूटर, मोबाइल और हार्ड ड्राइव बरामद किए गए थे।
 
मार्च में एजेंसी के अहमदाबाद कार्यालय ने एक सट्टेबाजी रैकेट के भंडाफोड़ का दावा करते हुए वडोदरा के बाहरी इलाके में स्थित एक फार्म हाउस से कुछ सटोरियों को गिरफ्तार किया था।
 
बाद में जांच एजेंसी ने 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने दो प्रमुख संदिग्धों और अन्य के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का मामला दर्ज किया था और उनका रैकेट 1000 से 4000 करोड़ रुपए के बीच का होने की आशंका है। (भाषा)