भारत को सुरक्षा परिषद की सदस्यता के समर्थन में प्रस्ताव पेश
वॉशिंगटन। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) में 2 प्रभावी सांसदों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में एक प्रस्ताव पेश किया गया। सांसदों ने कहा कि अब समय आ गया है कि बढ़ती वैश्विक समृद्धि में भारत की भूमिका को स्वीकार किया जाए।
इस प्रस्ताव को सदन की विदेश मामलों की समिति के वाइस रैंकिंग सदस्य और सांसद अमी बेरा और भारत तथा भारतीय-अमेरिकियों पर बने संसदीय कॉकश के संस्थापक सांसद फ्रैंक पेलोन ने पेश किया। इस प्रस्ताव के जरिए सदन आधिकारिक रिकॉर्ड में भारत की दावेदारी का समर्थक करने वाला बन जाएगा। वर्तमान में इस प्रस्ताव के पास 7 सह-प्रायोजक हैं।
बेरा ने कहा कि विश्व का प्राचीनतम और सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते अमेरिका और भारत समान मूल्यों को साझा करते हैं और कई क्षेत्रों में उनकी साझेदारी बढ़ रही है, खासकर रक्षा सहयोग में।
उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका के लिए रणनीतिक साथी के तौर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और दक्षिण एशिया में स्थिरता का मजबूत स्तंभ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य विश्व को उस प्रकार प्रतिबिम्बित करते हैं, जैसा वह 60 साल पहले था और अब समय आ गया है कि बढ़ती वैश्विक समृद्धि में भारत की भूमिका को स्वीकार किया जाए। बेरा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी जगह सुनिश्चित करने से विश्वभर में लोकतंत्र मजबूत होगा।
पेलोन ने कहा कि ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय संबंधों को फिर से परिभाषित किया जा रहा है, हमें उन राष्ट्रों को सशक्त और स्वीकार करना चाहिए, जो हमारे लंबे समय से चले आ रहे मूल सिद्धांतों को साझा करते हैं। पेलोन ने कहा कि यह अमेरिका और विश्व के हित में है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसे सदस्य हों, जो लोकतंत्र और विविधता के सम्मान के लिए सैन्य ताकत को संयोजित करें और आतंकी समूहों तथा दुष्ट राष्ट्रों से होने वाले खतरों का सामना कर सकें।
पेलोन ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में होना चाहिए और यह जरूरी है कि कांग्रेस इस बात को ट्रंप प्रशासन और विश्व के समक्ष स्पष्ट कर दे। संसदीय बयान में कहा गया कि सुरक्षा परिषद अब भी 1945 की दुनिया को प्रतिबिम्बित करता है, जब संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र में शुरुआत में केवल 51 सदस्य थे, जो अब 200 हो गए हैं। इस तथ्य के बावजूद सुरक्षा परिषद इन बदलावों को नहीं दर्शाता। वर्तमान में परिषद के 5 स्थायी सदस्य हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस। यह विधेयक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के आखिरी दिन पेश किया गया। (भाषा)