शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. France Unique Rape Case

दर्जनों मर्दों ने किया सैकड़ों बार बलात्कार, वर्षों चला गैंगरेप का मुकदमा

दर्जनों मर्दों ने किया सैकड़ों बार बलात्कार, वर्षों चला गैंगरेप का मुकदमा - France Unique Rape Case
France Unique Rape Case: फ्रांस में कई वर्षों तक चला सामूहिक बलात्कार का मामला एक ऐसा कांड है, जो मानवीय अधःपतन का ही नहीं, पशुता का भी अविश्वसनीय उदाहरण है। तीन वयस्क बच्चों की मां, एक 72 वर्षीय फ्रांसीसी महिला के साथ न केवल उसके पति ने, पति के कहने पर दर्जनों अन्य मर्दों ने भी वर्षों तक सैकड़ों बार बलात्कार किया है। दक्षिणी फ्रांस के आविंयों शहर की एक अदालत में इस कांड की खुले आम सुनवाई के समय पीड़िता की साहसिक गवाही सबको अवाक कर दिया करती थी। 18 दिसंबर 2024 को इस मुकदमे का फैसला सुनने के लिए अदालत के भीतर और बाहर सैकड़ों लोग जमा हो गए थे।  
 
जिज़ेल पेलिको (Gisèle Pelicot) नाम की इस महिला के साथ बलात्कार के मुकदमे में, मुख्य प्रतिवादी उसके 72 वर्षीय पति दोमिनीक पेलिको को 20 साल जेल की सज़ा सुनाई गई है। फ्रांस में यही सबसे अधिक संभव सज़ा है, हालांकि यह फैसला भी अभी अंतिम नहीं है, इसके विरुद्ध अगले 10 दिनों के भीतर अपील संभव है। ALSO READ: एक खोया हुआ ख़ज़ाना जिसने लाओस में भारतीय संस्कृति उजागर कर दी
 
पत्नी को बेसुध कर दिया करता था : दोमिनीक अपनी तत्कालीन पत्नी को नशीले पदार्थ दे कर बेसुध कर दिया करता था और इन्टरनेट के माध्यम से अन्य मर्दों को उसके साथ बलात्कार करने के लिए कहा करता था। यह सब लगभग 10 वर्षों तक चलता रहा। जिज़ेल को वर्षों बाद जब इसका पता चला, तो सबसे पहले उसने अपने पति को तलाक दे दिया।
 
पति दोमिनीक ने अदालत में अब अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। अदालत ने अन्य सभी बलात्कारी प्रतिवादियों को भी गंभीर बलात्कार का दोषी पाया है। अदालत के भीतर उपस्थित कुछ पत्रकारों ने बताया कि फैसला सुनाने के दौरान प्रतिवादियों ने अपने सिर झुकाए रखे; उनमें से एक की आंखों में आंसू भी आ गए। दूसरी ओर अदालत के बाहर जिज़ेल के प्रशंसकों ने जय-जयकारों के साथ उनका स्वागत किया। जिज़ेल ने कहा कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करती हैं और सुनवाई के दौरान अपने पोते-पोतियों के बारे में सोच रही थीं। यौन हिंसा से पीड़ित हुई अन्य महिलाओं के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ''हम सभी एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं।'' 
  
50 अन्य पुरुषों के ख़िलाफ़ फ़ैसले : इस बड़े मुकदमे में, मुख्य प्रतिवादी के अलावा, 50 अन्य पुरुषों पर भी मुक़दमा चलाया गया, जिनमें से अधिकांश बलात्कार के आरोपी थे। उनमें से एक को बलात्कार के प्रयास का और दो को यौन हिंसा का दोषी पाया गया। अदालत ने बाकी सभी को ''गंभीर बलात्कार'' का दोषी पाया। जिज़ेल पेलिको के बलात्कार मुकदमे ने पूरे फ्रांस को झकझोर कर रख दिया है। फ्रांस में ही नहीं, पूरे पश्चिमी जगत में उसकी चर्चा है। अब प्रश्न यह है कि इस बहुचर्चित बलात्कार के बाद वास्तव में कुछ बदलेगा भी या नहीं! ALSO READ: क्या मृत्यु जीवन की अंतिम अवस्था है? एक और अवस्था के बारे में पढ़कर चौंक जाएंगे
 
जिज़ेल पेलिको के वर्षों से हो रहे यौन शोषण का पता चार साल पहले संयोग से चला। पति दोमिनिक पेलिको को सितंबर 2020 में एक सुपरमार्केट में महिलाओं की स्कर्ट के नीचे से वीडियो बनाने के कारण गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने उसके व्यक्तिगत कंप्यूटर की जांच की। सेल फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया। वहां उन्हें 20,000 रिकॉर्डिंगें मिलीं, जो उसने अपनी पत्नी के साथ खुद और अन्य लोगों द्वारा बलात्कार करते समय की थीं।
पत्नी को रत्ती भर भी भनक नहीं : पति ने सैकड़ों तस्वीरों और वीडियो में अपनी पत्नी के साथ हुए दुर्व्यवहार की फ़ाइलें बना रखी थीं। पत्नी जिज़ेल को इन तस्वीरों और वीडियो की रत्ती भर भी भनक नहीं थी, क्योंकि हर बलात्कार और उसका वीडियो बनाने से कुछ ही समय पहले, उसका पति उसे गुप्त रूप से कोई मादक दवा या पदार्थ दे कर बेसुध कर दिया करता था। जिज़ेल का मानना है कि उन्हें करीब 200 बार बलात्कार का शिकार बनाया गया है। जांचकर्ताओं को एक दर्जन अन्य अपराधियों पर भी संदेह है, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाई है।
 
प्रतिवादी दोमिनिक पेलिको का कहना है कि उसकी पत्नी को नशीली दवाएं देने और उसके साथ दुर्व्यवहार करने की प्रेरणा उसे एक इन्टरनेट मंच पर एक परिचित व्यक्ति से मिली थी। उसने खुद को एक नर्स के रूप में पेश किया और उसे बेसुधी लाने के लिए दवा की आवश्यक खुराक भी दी।
 
एक तीखी राष्ट्रीय बहस छेड़ दी : फ्रांस में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के बारे में बहस पहले भी कुछ कम प्रखर नहीं थी। किंतु जिज़ेल पेलिको वाले प्रकरण ने लंबे समय से फ्रांस में महिलाओं के साथ यौन हिंसा और नशीली दवाओं की सहायता से महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की समस्या पर एक तीखी राष्ट्रीय बहस छेड़ दी है। यौन हिंसा का विरोध करने और जिज़ेल पेलिको के साथ एकजुटता दिखाने के लिए फ्रांस के कई शहरों में प्रदर्शन हुए। सज़ाओं की घोषणा के समय आविंयों शहर की अदालत के भीतर और बाहर भी अनगिनत स्त्री-पुरुष जमा हो गए थे। वे जिज़ेल की क़ानूनी जीत पर तालियां बजा रहे थे। ALSO READ: फ्रांस में 72 साल की महिला के साथ वर्षों तक सामूहिक बलात्कार कांड ने उजागर की पशुता
 
यह तथ्य भी कुछ कम दिलचस्प नहीं है कि दोमिनिक पेलिको को फ्रांस में ऐसे लोगों को पाने में बहुत दूर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी, जो बड़े शौक से उसकी बेसुध पत्नी के साथ बलात्कार करने के लिए तैयार रहते थे। मात्र 20 से 30 किलोमीटर के दायरे में उसे अपने जैसी विकृत मानसिकता वाले दर्जनों लोग मिल जाते थे। इसका मतलब यही है कि फ्रांस की हर महिला के निकटतम दायरे में भी एक नहीं, बल्कि दर्जनों ऐसे पुरुष होते हैं, जो इस तरह के कुकृत्यों के लिए अवसर पाने की ताक में रहते हैं।
 
अब भी सद्भावी समाज में विश्वास है : अदालती फैसले की घोषणा के तुरंत बाद जिज़ेल ने कहा कि वे उन सभी पीड़ितों के बारे में सोच रही हैं, जिन्हें न्याय नहीं मिला, जिन्हें पीड़ित होने की मान्यता नहीं मिली। वह उनके साथ अपना संघर्ष साझा करना चाहती हैं। उन्हें अब भी एक ऐसे भविष्य के लिए प्रयास करने वाले समाज में विश्वास है, जिसमें पुरुष और महिलाएं सद्भावनापूर्वक साथ-साथ रहें। 
 
मुकदमे की सारी सुनवाई खुले आम हुई : दक्षिणी फ्रांस के आविंयों में चले इस मुकदमें की सुनवाई और सज़ाओं की घोषणा बंद दरवाज़ों के पीछे नहीं हुई। जिज़ेल पेलिको शुरू से ही चाहती थीं कि मुकदमे की सारी सुनवाई खुले आम हो, ताकि सभी लोग उसे देख-सुन सकें। सुनवाई के समय भले ही चाहे जितनी ऐसी भद्र-अभद्र बातें कही-सुनी जाएं, चाहे जितने ऐसे सच्चे-झूठे दावे हों, जो अन्यथा न तो सार्वजनिक होने लायक हैं और न शोभनीय लगें। उनके अपने तीनों वयस्क बच्चे भी कई बार इन सुनवाई के समय उपस्थित रहे। मुकदमे ने कई लोगों को प्रभावित किया, क्योंकि जिज़ेल पेलिको ने अपनी आपबीती को सार्वजनिक करते हुए बताया कि उनके साथ क्या कुछ हुआ है। अपना चेहरा दिखाया न कि पीड़िता बनकर या शर्म से मुंह छिपाया।
 
अभियोजन पक्ष ने प्रतिवादियों की दलीलों को खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया था कि 'सामान्य, आकस्मिक या अनैच्छिक बलात्कार' जैसी कोई चीज़ नहीं होती। कोर्ट ने अपने फैसले के साथ दोमिनीक पेलिको के वकील की याचिका भी खारिज कर दी। वकील ने तर्क दिया था कि अब 72 साल के दोमिनीक का विकृत व्यवहार उसकी युवावस्था में उसके यौन-शोषण और उसके अत्याचारी पिता से मिले पिछले दर्दनाक अनुभवों की देन है।
 
बलात्कार एक आम बात बनती जा रही है : पश्चिमी देशों में महिलाओं के साथ बलात्कार एक आम बात बनती जा रही है। उदाहरण के लिए, फ्रांस के ही पूर्वी पड़ोसी जर्मनी के परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि जर्मनी में औसतन हर तीसरी महिला को अपने जीवन में कम से कम एक बार मार-पीट जैसी शारीरिक या बलात्कार जैसी यौन हिंसा का शिकार बनना पड़ता है। लगभग हर चार में से एक महिला को अपने वर्तमान या पूर्व जीवनसाथी से मिली शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव झेलना पड़ता है। हर सात में से एक महिला गंभीर यौन हिंसा का शिकार बनती है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि जर्मनी में हर दिन औसतन एक महिला की हत्या होती है। वर्ष 2023 में जर्मनी में महिलाओं की हत्या के कुल मिलाकर 938 प्रयास हुए और 360 महिलाओं की मृत्यु हुई। 
 
दूसरी ओर इन्हीं पश्चिमी देशों का मीडिया भारत में बलात्कार की चर्चित घटनाओं और महिलाओं की मृत्यु को इस तरह पेश करता है, मानो भारत पूरी तरह बलात्कारियों और हत्यारों का देश है। पश्चिमी देश तो बिल्कुल पाक-साफ़ हैं।