बुधवार, 18 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. कुम्भ मेला
  4. Mahakumbh 2025
Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 18 दिसंबर 2024 (10:11 IST)

Mahakumbh 2025: क्या होता है कुम्भ में शाही स्नान का महत्व, जानिए 12 साल बाद होने वाले स्नान पर्व आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी

Mahakumbh 2025: क्या होता है कुम्भ में शाही स्नान का महत्व, जानिए 12 साल बाद होने वाले स्नान पर्व आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी - Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ भारत की सबसे भव्य धार्मिक परंपरा है, जिसका आयोजन 12 साल में एक बार होता है। इस बार महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा। इस महापर्व की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा स्नान से होगी और समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ होगा।

महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का विशेष महत्व है क्योंकि इसे धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है। लाखों श्रद्धालु, साधु-संत और विदेशी पर्यटक इस महापर्व का हिस्सा बनने आते हैं।

शाही स्नान का महत्व
शाही स्नान महाकुंभ का सबसे मुख्य आकर्षण होता है। यह स्नान हिंदू धर्म के अखाड़ों और साधु-संतों के लिए पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस स्नान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शाही स्नान कब-कब होगा?
महाकुंभ 2025 के दौरान कुल 5 शाही स्नान होंगे, जिनकी तिथियां निम्नलिखित हैं:
14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति): पहला शाही स्नान
29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या):        दूसरा शाही स्नान
3 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी) : तीसरा शाही स्नान
12 फरवरी 2025 (माघी पूर्णिमा) : चौथा शाही स्नान
26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि) :अंतिम शाही स्नान

महाकुंभ 2025 की विशेषताएं
1.      12 साल बाद आयोजन: महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल बाद चार पवित्र स्थलों (हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक) में से एक पर होता है।
2.      साधु-संतों का संगम: भारत के विभिन्न हिस्सों से साधु-संत, नागा साधु और धार्मिक अखाड़े इस पावन पर्व में भाग लेते हैं।
3.      धार्मिक अनुष्ठान और स्नान: महाकुंभ के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान का विशेष महत्व है।

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टिप्स
•        स्नान पर्व की तिथियां ध्यान रखें।
•        प्रयागराज में ठहरने के लिए पहले से व्यवस्था कर लें।
•        धार्मिक अनुष्ठानों और साधु-संतों के प्रवचनों का लाभ उठाएं।

महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महोत्सव है। शाही स्नान का अपना विशेष महत्व है, जिसमें हिस्सा लेकर श्रद्धालु पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। इस महापर्व की तिथियां और कार्यक्रम सुनिश्चित कर आप अपनी यात्रा को सफल और आनंददायक बना सकते हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण  आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं है करता । किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


ये भी पढ़ें
ऑस्कर 2025 की रेस से बाहर हुई लापता लेडीज, भारत को अब इस फिल्म से उम्मीद