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बचपन के बाबूजी और आज के पप्पा
रविवार,जून 20, 2010
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हमारे यहाँ पिता की भूमिका एक लंबा रास्ता तय करके आधुनिक हुई है। एक दौर था, जब पिता का रौब बच्चों को दहशत देता था। आज पिता दोस्त की भूमिका में आ गए हैं। फिर भी कहीं पिता-पुत्र के रिश्तों में एक खिंचाव होता है। हो सकता है, ये पिता की भूमिका के संक्रमण ...
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भाषा|
शनिवार,जून 19, 2010
अमेरिका के वाशिंगटन में रहने वाली सोनोरा स्मार्ट डोड ने 1909 में स्पोकेन के सेंट्रल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च में मदर्स डे के बारे में सुना तो उन्हें पिता के लिए भी ऐसा ही दिन होने की जरूरत महसूस हुई।
सोनोरा के पिता विलियम स्मार्ट ने अपनी पत्नी के ...
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पिता एक ऐसा शब्द जिसके बिना किसी के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक ऐसा पवित्र रिश्ता जिसकी तुलना किसी और रिश्ते से नहीं हो सकती । बचपन में जब कोई बच्चा चलना सिखता है तो सबसे पहले अपने पिता की उंगली थामता है। नन्हा सा बच्चा पिता की उँगली थामे ...
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20 जून को फादर्स डे तो जाहिर है अपने पापा के लिए आप भी कोई सुंदर और यादगार उपहार देने का सोच रहे होंगे । विश्व के लगभग 55 देशों में फादर्स डे जून माह के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। हालाँकि भारत में इसका प्रचलन अधिक पुराना नहीं है परंतु यदि आप ...
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साहित्यकारों, लेखकों से मुझे दिली शिकायत है कि वे माँ पर तो खूब लिखते हैं। यदि माँ पर लिखे संपूर्ण साहित्य को संकलित किया जाए तो रामायण, महाभारत आदि धार्मिक ग्रंथों के बराबर ग्रंथ तैयार हो सकता है लेकिन पिता और भाई के बारे में कोई साहित्य चिराग लेकर ...
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बदलते समय के बदलते दौर में अब पिता की छवि बदल गई है। आज पिता अपने बच्चों के लिए न केवल प्रेरणास्रोत बने हैं बल्कि जीवन में ऐसा मूलमंत्र दे रहे हैं जिसे जपकर उनके बच्चे कामयाबी की नई इबारतें लिख रहे हैं। पिता...। यह शब्द सुनते ही जेहन में एक दृढ़ ...
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