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आप भी जान लीजिए एकादशी व्रत-उपवास के 21 खास नियम

आप भी जान लीजिए एकादशी व्रत-उपवास के 21 खास नियम - Ekadashi Vrat Niyam
Ekadashi 2022
 
हर माह दो एकादशियां (Ekadashi  2022) आती है। अगर आप भी एकादशी व्रत करते हैं तो यह नियम आपको अवश्य ही पता होने चाहिए। यहां जान लीजिए 21 खास नियम...। अगर नहीं देंगे इन बातों पर ध्यान, तो नहीं मिलेगा एकादशी व्रत का पूरा फल...
 
जानिए एकादशी के नियम-Ekadashi ke Niyam
 
1 वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें। 
 
2 एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ शुद्ध कर लें। 
 
3 ब्रह्मचर्य का पालन करें तथा भोग विलास से भी दूर रहें। 
 
4 स्नानादि कर मंदिर में जाकर पुराण, सत्यनारायण कथा आदि का वाचन करें। 
 
5 इस प्रकार प्रभु के सामने संकल्प करें- ‘आज मैं चोर, पाखंडी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करूंगा और न ही किसी का दिल दुखाऊंगा। गौ, ब्राह्मण आदि को फलाहार व अन्नादि देकर प्रसन्न करूंगा। रात्रि जागरण करके कीर्तन करूंगा, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करूंगा, राम, कृष्ण, नारायण इत्यादि विष्णुसहस्रनाम को अपने कंठ का भूषण बनाऊंगा।’ ऐसी प्रतिज्ञा करके श्री विष्णु भगवान का स्मरण कर प्रार्थना करें कि- ‘हे त्रिलोकपति! मेरी लाज आपके हाथ है, अत: मुझे इस संकल्प को पूरा करने की शक्ति प्रदान करें।’ 
 
6 एकादशी के दिन अशुद्ध द्रव्य से बने पेय न पिएं। कोल्ड ड्रिंक्स, एसिड आदि डाले हुए फलों के डिब्बाबंद रस को न पिएं। 
 
7 दो बार भोजन न करें। आइसक्रीम व तली हुई चीजें न खाएं। 
 
8 फल अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा थोड़े दूध या जल पर रहना विशेष लाभदायक है। 
 
9  बैल की पीठ पर सवारी न करें। 
 
10 फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए। 
 
11 आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए। 
 
12 जुआ, निद्रा, पान, पराई निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपट आदि कुकर्मों से नितांत दूर रहना चाहिए। 
 
13  व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) इन 3 दिनों में कांसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, चावल, मसूर, उड़द, चने, शाक, शहद, तेल और अधिक जल का सेवन न करें। व्रत के पहले दिन (दशमी को) और दूसरे दिन (द्वादशी को) हविष्यान्न (जौ, गेहूं, मूंग, सेंधा नमक, काली मिर्च, शर्करा और गोघृत आदि) का एक बार भोजन करें।
 
14 भूलवश किसी निंदक से बात हो जाए तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा मांग लें।
 
15 एकादशी के दिन घर में स्वयं झाडू नहीं लगाएं, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। 
 
16 इस दिन बाल नहीं कटाएं। 
 
17 मधुर बोलें, अधिक न बोलें, अधिक बोलने से न बोलने योग्य वचन भी निकल जाते हैं। 
 
18 प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करनी चाहिए।
 
19 इस दिन यथाशक्ति अन्न दान करें किंतु स्वयं किसी का दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें। 
 
20 सत्य भाषण करना चाहिए। 
 
21 मौन, जप, शास्त्र पठन, कीर्तन, रात्रि जागरण एकादशी व्रत में विशेष लाभ पहुंचाते हैं।

Ekadashi Worship 2022
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