देश में 18 मई से Lockdown का चौथा चरण, मुख्यमंत्रियों से पीएम मोदी बोले- राज्य करें लीड
लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर अब राज्य अपने स्तर पर निर्णय लें...सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि लॉकडाउन के संबंध में अब राज्य लीड करेंगे। कुछ सामान्य गाइड लाइंस को छोड़कर राज्य अपनी परिस्थितियों के अनुरूप कार्य कर सकेंगे।
कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 को रोकने का एकमात्र तरीका, जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती अथवा इसका निश्चित उपचार नहीं मिल जाता, लॉकडाउन ही है। अत: लॉकडाउन खत्म नहीं किया जा सकता।
लॉकडाउन का अगला चरण 18 मई से : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी 15 मई से पहले राज्य चौथे लॉकडाउन के संबंध में अपनी रणनीति बनाकर भिजवाएं। इसमें अपने राज्य में किस प्रकार की रचना करना चाहते हैं, उसके मैप और लॉजिक सहित केंद्र सरकार को भिजवाएं। लॉकडाउन का अगला चरण 18 मई से लागू होगा। यह चरण दूसरे स्वरूप में होगा।
नई जीवनशैली अपनानी होगी : प्रधानमंत्री ने कहा कि प्री-कोरोना दुनिया से पोस्ट-कोरोना दुनिया बदल चुकी होगी। हमें उसके अनुरूप एक नई जीवनशैली अपनानी होगी तथा उसके अनुरूप कार्य करना होगा। हम अब इंतजार नहीं कर सकते। राज्यों को इस दिशा में नेतृत्व करना होगा।
ग्रीन जोन में जीवन को सहज बनाना होगा : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रेड जोन क्षेत्रों में पूरी सावधानी रखी जाने के साथ ही हमें ग्रीन जोन क्षेत्रों में जीवन को सहज बनाना होगा। आगामी समय में बारिश आने वाली है, जब अन्य बीमारियां बढ़ती हैं। हमें कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं को सक्रिय करना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा।
पोस्ट-कोरोना टूरिज्म : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें पोस्ट कोरोना टूरिज्म कैसा हो, इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। भारत में इसके लिए पर्याप्त अवसर हैं। हमें अपनी आर्थिक गतिविधियों को पहले से भी तेज करना होगा। परिवर्तनों के साथ हमें भारत में नए अवसर पैदा करने होंगे।
श्रमिकों की समस्या का समाधान : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे मजदूर जो देश में विभिन्न स्थानों पर रोजगार के लिए गए हुए थे, भावनात्मक कारणों से घर वापस आ रहे हैं। इसके चलते कुछ स्थानों पर मजदूरों की कमी आ जाएगी, वहीं कुछ स्थानों पर रोजगार की कमी। राज्य देखें कि किस प्रकार वे इसमें संतुलन स्थापित करेंगे।