छत्तीसगढ़ में मतगणना से पहले कांग्रेस को लगा झटका...
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने प्रदेश कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें मंगलवार को होने वाली मतगणना प्रक्रिया में सभी निर्वाचन क्षेत्रों के कम से कम 50 फीसदी मतदान केंद्रों में वीवीपैट पर्ची की गिनती सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।
अधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस के महासचिव गिरीश देवांगन ने बीते गुरुवार को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर मांग की थी कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन किया जाए तथा सभी निर्वाचन क्षेत्रों के कम से कम 50 फीसदी मतदान केंद्रों में वीवीपैट पर्ची की गिनती सुनिश्चित की जाए।
वर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्र की एकल पीठ में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तनखा ने भी पैरवी की।
उन्होंने बताया कि सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। देर शाम न्यायालय ने याचिका पर अपने फैसले में स्पष्ट किया कि चुनाव मामलों में न्यायालय को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है और जो निर्देश एवं नियम आर्टिकल 324 से 329 के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किए हैं, उन्हीं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उच्च न्यायालय ने याचिका को अस्वीकार कर दिया है।
अधिवक्ता वर्मा ने बताया कि राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद कांग्रेस की ओर से उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई थी। राज्य में ईवीएम में छेड़छाड़ की शिकायतें मिलने के बाद कांग्रेस ने यह याचिका दायर की थी। याचिका में चुनाव आयोग की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने और मतगणना के दौरान सभी निर्वाचन क्षेत्रों के कम से कम 50 फीसदी मतदान केंद्रों में वीवीपैट पर्ची की गिनती सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।
कांग्रेस की याचिका में यह मांग भी की गई थी कि स्ट्रांग रूम और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा को पुख्ता किया जाए तथा चुनाव के दौरान उपयोग में लाई गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और उपयोग में नहीं लाई गई वोटिंग मशीन को अलग-अलग किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि पहले राउंड की मतगणना और उसके नतीजे की घोषणा होने के बाद ही दूसरे राउंड की प्रक्रिया संपन्न कराई जाए और मतदान तथा मतगणना प्रक्रिया में राज्य और केंद्रीय मंत्रियों को सत्ता का दुरुपयोग करने से रोका जाए।
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा क्षेत्रों के लिए 2 चरणों में 12 और 20 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। मतदान के बाद मतगणना के लिए 11 दिसंबर की तिथि निर्धारित है। मतदान के बाद से ही लगातार कांग्रेस पार्टी ईवीएम की सुरक्षा का मुद्दा उठाती रही है। कांग्रेस ने इस मामले में छत्तीसगढ़ के अनेक विधानसभा क्षेत्रों से शिकायतें भी दर्ज कराई हैं।
कांग्रेस वीवीपैट पर्ची के माध्यम से मतगणना की मांग करती रही है। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसे मतगणना के ठीक 1 दिन पहले सोमवार को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। (भाषा)