Vrishchik rashifal 2026: ज्योतिष के अनुसार, वर्ष 2026 में चार प्रमुख ग्रहों, यानी शनि (Saturn), गुरु (Jupiter), राहु (Rahu), और केतु (Ketu) की चाल में बड़े बदलाव आने वाले हैं, जिसका आपके भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी के साथ ही यदि हम हिंदू संवत्सर की बात करें तो फिलहाल सिद्धार्थ संवत्सर चल रहा है इसके बाद 19 मार्च 2026 से रौद्र नामक संवत्सर प्रारंभ होगा।
ग्रह गोचर: वर्ष 2026 में बृहस्पति 2 जून तक मिथुन राशि में रहेंगे, फिर 2 जून से 31 अक्टूबर तक कर्क राशि में रहेंगे। अक्टूबर के बाद सिंह राशि में गोचर करेंगे। दूसरी ओर कुंभ से निकलकर 5 दिसंबर को राहु मकर में गोचर करेगा और सिंह से निकलकर केतु कर्क में गोचर करेगा। 16 जनवरी 2026 को धनु से निकलकर मंगल मकर में गोचर करेगा। इसके बाद वह कुंभ, मीन, मेष, मिथुन, कर्क और सिंह में गोचर करेंगे। शनि मीन राशि में ही रहेगा।
2026 में बनने वाले विशेष योग: इन गोचरों के कारण 2026 में 4 शक्तिशाली राजयोग (जैसे हंस महापुरुष राजयोग, बुधादित्य योग, महालक्ष्मी योग और गजकेसरी योग) भी बन सकते हैं। इन योगों का संयुक्त प्रभाव कुछ राशियों के लिए करियर में बड़ी प्रगति, धन लाभ और मान-सम्मान में वृद्धि का संकेत देता है।
2026 के 4 प्रमुख ग्रह गोचर और प्रभाव
1. शनि (Saturn):
स्थिति: शनि देव पूरे वर्ष मीन राशि में ही रहेंगे।
प्रभाव: शनि का यह गोचर आपको अनुशासन, स्थिरता और कड़ी मेहनत का महत्व समझाएगा।
राशियां: मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा, जिससे संघर्ष और चुनौतियाँ आ सकती हैं। मीन राशि वालों के लिए यह चरण जीवन की महत्वपूर्ण सीख और बदलाव लाएगा।
सलाह: जो लोग धैर्य और ईमानदारी से काम करेंगे, उन्हें लंबी अवधि में मजबूत वित्तीय स्थिरता मिल सकती है।
2. गुरु / बृहस्पति (Jupiter)
गोचर: गुरु 2026 में एक से अधिक बार राशि बदलेंगे। जून 2026: मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश। अक्टूबर 2026 को कर्क से सिंह राशि में प्रवेश।
प्रभाव: गुरु का लगातार परिवर्तन ज्ञान, शिक्षा, करियर और धन के अवसरों को बड़ी गति देगा। यह गोचर शिक्षा, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में नवाचार (Innovation) को बढ़ावा दे सकता है।
राशियां: कर्क राशि वालों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ लाएगा, जिससे भावनात्मक संतुलन और करियर में उन्नति मिलेगी।
3. राहु (Rahu):
स्थिति: राहु मुख्य रूप से कुंभ राशि में रहेंगे और साल के अंत में मकर राशि में प्रवेश कर सकते हैं।
प्रभाव: राहु अचानक बड़े बदलाव, भ्रम और नई इच्छाओं का कारक है। इसका प्रभाव तकनीक, राजनीति और नवाचार में बड़ी सफलता और प्रगति ला सकता है।
सलाह: यह आपको अपारंपरिक तरीकों से धन लाभ करा सकता है, लेकिन साथ ही जोखिम लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ाएगा। आप सतर्कता से काम लें।
4. केतु (Ketu):
स्थिति: केतु मुख्य रूप से सिंह राशि में रहेंगे और साल के अंत में कर्क राशि में प्रवेश कर सकते हैं।
प्रभाव: केतु अध्यात्म, अलगाव और कर्मिक सुधार से जुड़ा है। यह आपको जीवन के सही उद्देश्य की ओर ले जाएगा, जिससे लक्ष्यों और रिश्तों में स्पष्टता आएगी।
सलाह: यह गोचर आपको अनावश्यक मोह-माया से दूर कर, आत्म-खोज और आंतरिक शांति की ओर प्रेरित कर सकता है।
ग्रह गोचर का परिणाम: गुरु की मिथुन राशि में स्थिति के दौरान, मीडिया में भ्रम, झूठी सूचनाओं का प्रसार और कूटनीतिक तनाव बढ़ सकते हैं। दो देशों के बीच तनाव चरम पर रहेगा। कर्क राशि में गुरु के उच्च अवस्था में आने पर, राष्ट्रीयता की भावना, सांस्कृतिक पहचान और नए वैश्विक गठबंधन उभर सकते हैं। गुरु की कर्क राशि में उच्च अवस्था के दौरान, जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़, तूफान और जल संबंधित प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ सकती हैं। जब गुरु कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, तो यह उच्च अवस्था में होंगे, जिससे कुछ समय के लिए आर्थिक स्थिरता, सरकारी कल्याण योजनाओं, कृषि और रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। 2 जून 2026 मंगलवार को मध्यरात्रि 02:25 पर जब बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करेंगे तो फिर से भारत पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर रह सकता है। हालांकि भारत पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। 31 अक्टूबर 2026 में गुरु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे प्रभावशाली नेताओं का उदय और वैश्विक राजनीति में बदलाव की संभावना है। भारत की भूमि, नभ और जल में शक्ति बढ़ेगी लेकिन उसके शत्रु भी साजिश रचना में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।