नई दिल्ली। क्या व्हाट्सऐप या फेसबुक पर भेजी गई स्माईलीज जैसे कि 'किस' और 'हग' आपकी असल जिंदगी के प्यार की जगह ले सकती है? आप इसे माने न मानें, लेकिन सेक्स एक्सपर्ट्स और व्यवहार विज्ञान के जानकार ऐसा मानने लगे हैं। उनके मुताबिक आज बहुत से भारतीय युवा स्मार्टफोन और टेबलेट्स पर ज्यादा वक्त बिताते हैं। यहां तक कि बाथरुम में भी वो फोन का प्रयोग करते हैं। नतीजतन, ये उनकी सेक्स लाइफ को पंगु बना बना रहा है। आज 'डिजिटल इंटिमेट कनेक्शन' युवाओं के सेक्स लाइफ को कमजोर और नीरस बनाती जा रही है।
ऐसे जोड़ों की तादाद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है जो अपनी सेक्स लाइफ से खुश नहीं हैं। आए दिन स्मार्टफोन और सोशल मीडिया इसका बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है। इनमें ज्यादातर वो लोग हैं जो सारा दिन ऑफिस में बिताने के बाद घर आते ही फेसबुक, व्हाट्सऐप और यूट्यूब पर जम जाते हैं।
एल्फा एन्ड्रोलौजी ग्रुप के निदेशक डॉ. अनुप धीर 25 युवा जोड़ों का इलाज कर रहे हैं, जिन्हें ऐसी शिकायतें हैं। डॉ. धीर के मुताबिक ऑफिस का काम घर करना या अपने निजी पलों के दरमयान स्मार्टफोन से चिपके रहना आपसी रिश्ते पर खासा असर डालते हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने 24,000 यूरोपियन शादीशुदा जोड़ों पर एक शोध किया, इसमें पाया गया कि लोग जितना दूसरों की सोशल मीडिया प्रोफाइल में झांककर उनकी निजी गतिविधियां देखते हैं उतना ही वो खुद को लेकर असुरक्षित और उदासी महसूस करने लगते हैं। ये आगे चलकर उनके कमजोर सेक्स लाइफ का कारण बनता है।
डॉ. धीर ये भी मानते हैं कि आज के दौर में बेडरूम में देर रात स्मार्टफोन की उपस्थिति शादीशुदा जोड़ों की जिंदगी में विघ्न डालने का काम कर रही है। लोग न चाहते हुए भी एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। दरअसल, परेशान करने वाली बात ये है कि ज्यादातर जोड़े ऐसे हैं जिन्हें ये पता ही नहीं है कि सोशल मीडिया कैसे उनकी सेक्स लाइफ को खोखला करती जा रही है।
बेशक ही आज सोशल मीडिया बहुत ही उपयोगी है, लेकिन जब बात फेसबुक स्टेटस, व्हाट्सऐप डीपी और इन्स्टाग्राम फोटो अपलोड से दो कदम आगे बढ़कर आपके बेडरुम तक पहुंच जाए तब इसे बैलेंस करना निहायत ही जरूरी है।
डॉ. धीर की मानें तो आज उनके पास बहुत से ऐसे लोग आते हैं जिन्हें सोशल मीडिया लाइफ और सेक्स लाइफ को बैलेंस करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गुड़गांव की एक आईटी कंपनी में काम करने वाली 27 साल की प्रियंका (काल्पनिक नाम) ऐसी ही परेशानी लेकर डॉ. धीर के क्लिनिक में आईं। उन्होंने बताया कि शादी से पहले वो और उनके मंगेतर घंटों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैट करते थे। आज शादी के एक साल के बाद धीरे-धीरे उनके वर्चुअल कम्युनिकेशन में कमी आने लगी, लेकिन पति वैसे के वैसे ही रहे। ऑफिस से आने के बाद वो लगातार अपने दोस्त और ग्रुप पर चैट करते हैं, प्रियंका अपने पति से इसकी शिकायत नहीं कर सकतीं क्यूंकि वो मानती हैं कि वो खुद भी पहले ऐसे ही गतिविधियों में मशगूल थीं।
आज वो अपनी कमजोर शादीशुदा रिश्ते को लेकर परेशान हैं और इसे एक हार मानती हैं। पश्चिमी देशों के एक्सपर्ट ने तो यहां तक कहा है कि सोशल मीडिया एक नया मैरिज माइनफील्ड है। आज से 5 या 7 साल पहले फेसबुक को कोई शादी टूटने की वजह नहीं मानते थे, लेकिन आज इसके विपरीत तलाक की बड़ी वजह सोशल मीडिया को माना जाने लगा है।
डॉ. अनुप धीर ने बहुत ही रोचक और सटीक तरीके से इसे समझाने की कोशिश की है। वो कहते हैं, इसे समझना आसान है, जब किसी के बेडरूम में एक तीसरा शख्स मौजूद हो तो दंपति को झिझक होगी। स्मार्टफोन वो तीसरा शख्स है। उन्होंने शादीशुदा रिश्ते को कामयाब रखने के लिए कुछ मंत्र दिए हैं। जैसे कि घर पर ऑफिस का बचा काम न लाना। ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल न करना और अपने पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना। रात में सोशल मीडिया का सीमित इस्तेमाल आपकी सेक्स लाइफ को खूबसूरत और सम्पूर्ण बना सकता है।