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Last Modified: शनिवार, 29 अप्रैल 2023 (13:38 IST)

फिर विवादों में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री, माफी के बाद भी भोपाल में प्रदर्शन

फिर विवादों में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री, माफी के बाद भी भोपाल में प्रदर्शन - Pandit Dhirendra Shastri head of Bageshwar Dham again in controversies
भोपाल। बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर विवादों में घिर गए है। हैहयवंशी समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु महाराज पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद उनका विरोध बढता जा रहा है। शनिवार को राजधानी भोपाल में बाबा बागेश्वर धाम के खिलाफ कलचुरी समाज के लोगों ने सड़क पर उतकर विरोध जताया। कलचुरी समाज के लोगों ने बाबा बागेश्वर धाम पर एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की। समाज के लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम की माफी मांगने से वह संतुष्ट नहीं है और उन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाना चाहिए।   
 
इससे पहले मध्यप्रदेश के कई जिलों सागर, विदिशा और कटनी में ताम्रकार समाज और कल्चुरी कलार समाज के लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया था। समाज के लोगों  ने आरोप लगाया कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भगवान सहस्त्रबाहु को अत्याचारी बताकर हैहय वंश के क्षत्रिय राजाओं का भी अपमान किया है और उनके बयान से हैहय वंशी क्षत्रिय कल्चुरी समाज और ताम्रकार समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
 
विवाद के बाद मांगी माफी-पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर बवाल मचने के बाद अब उन्होंने माफी मांगी है। बागेश्वर धाम सरकार के आधिकरिक ट्वीटर हैंडल पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से खेद का ट्वीट करते हुए लिखा गया कि “विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है। हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नही था न ही कभी होगा,क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं। फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है”।
 
क्या है पूरा विवाद?-पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि सहस्त्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश। हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया। हैहय वंश का राजा बड़ा ही कुकर्मी, साधुओं पर अत्याचार करने वाला था। ऐसे आतताइयों के खिलाफ भगवान परशुराम ने फरसा उठाया।पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद कलार समाज और ताम्रकार समाज ने अपना कड़ा विरोध जताथा था। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंंद्र शास्त्री ने अपने भगवान  सहस्त्रबाहु को अत्याचारी बताकर उनका अपमान किया है।
 
 
 
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