वन विभाग का अफसर 4 करोड़ की बेनामी संपत्ति का आसामी निकला
इंदौर। लोकायुक्त पुलिस के एक अफसर ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जांचकर्ताओं को वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) के नजदीकी रिश्तेदारों के नाम से किए गए निवेश की नई जानकारी मिली है। नतीजतन इस सरकारी कारिंदे की कथित बेनामी संपत्ति का मूल्य बढ़कर 4 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है।
लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि जांच के दौरान सोमवार को पता चला कि वन विभाग के एसडीओ आरएन सक्सेना की पत्नी, बेटे और उनके चाचा ससुर के नाम वाले अलग-अलग बैंक खातों और सावधि जमा (एफडी) योजनाओं में कुल मिलाकर करीब 90 लाख रुपए जमा हैं। सक्सेना परिवार के एक बैंक लॉकर को खोले जाने पर इसमें 8.35 लाख रुपए मूल्य के सोने के जेवरात भी मिले हैं। उन्होंने बताया कि हमें अब तक मिले सुरागों के मुताबिक सक्सेना की बेनामी संपत्ति का मूल्य 4 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
बघेल ने बताया कि फिलहाल सक्सेना वन विभाग की नजदीकी महू रेंज में पदस्थ हैं। सरकारी सेवा में वर्ष 1995 में भर्ती होने के बाद उन्होंने अपने वेतन से करीब 60 लाख रुपए कमाए हैं, लेकिन वैध जरियों से वन अफसर की आय के मुकाबले उनकी कथित बेनामी संपत्ति का आंकड़ा जाहिर तौर पर कहीं ज्यादा है। लोकायुक्त पुलिस को सुराग मिले हैं कि वन विभाग के अफसर ने अधिकांश संपत्तियां अपने नजदीकी रिश्तेदारों के नाम से खरीदीं ताकि वह अपनी कथित काली कमाई को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगाहों से बचा सके।
डीएसपी ने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने सक्सेना और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के परिसरों समेत कुल 5 ठिकानों पर रविवार को एकसाथ छापे मारे थे। इस दौरान सक्सेना और उनके करीबी रिश्तेदारों की कई अचल संपत्तियों का पता चला था जिनमें 2 भूखंड, 3 हॉस्टल, 2 आवासीय भवन और कृषि भूमि शामिल हैं। वन विभाग के अफसर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत विस्तृत जांच जारी है। (भाषा)