पुस्तक चर्चा : पद्मावत, मानुस पेम भएउ बैकुंठी
विजय मनोहर तिवारी | मंगलवार,अगस्त 2,2022
जायसी वर्तमान उत्तरप्रदेश के अमेठी जिले के जायस नगर के रहने वाले थे। पद्मावत अवधी का महाकाव्य है, जो भारत के इतिहास के ...
एक विचार, सिर पर सवार होता है तो जुनून बन जाता है
विजय मनोहर तिवारी | गुरुवार,फ़रवरी 17,2022
तबलीग का मुखिया कोरोना काल की पहली लहर में सेल्फ क्वारंटीन में गया था और वह संसार का सबसे लंबा सेल्फ क्वारंटीन सिद्ध ...
रूह में उतरा अहसास : लता जी की आवाज
विजय मनोहर तिवारी | बुधवार,फ़रवरी 9,2022
वह लता मंगेशकर थी, ईश्वर का विशेष उपहार जो भारत की गोद में हौले से रखा गया था। हजार साल की दासता और दशकों के संघर्ष के ...
चमकौर को याद करने के दिन
विजय मनोहर तिवारी | मंगलवार,दिसंबर 21,2021
खंडित भारत के लालची हुक्मरानों ने अपने देश को एक मजार बना लिया और जालीदार टोपी लगाकर सेक्युलरिज्म की हरी चादर चढ़ाकर चैन ...
नौशाद के मातम का पोस्टमार्टम
विजय मनोहर तिवारी | रविवार,दिसंबर 19,2021
कॉरिडोर बनारस में अब बना और नौशाद आलम बंगाल से शायद उस पुराने कॉरिडोर की उम्मीद में तशरीफ लाए होंगे। उम्मीदों पर पानी ...
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: लीडरशिप की लंबी लाइन
विजय मनोहर तिवारी | गुरुवार,दिसंबर 16,2021
भले ही देश के लोग बट जाएं। वे बांटने में यकीन रखते थे। बांटने के फायदे उन्हें अंग्रेजों ने सिखाए थे। वे जानते थे कि जो ...
भ्रम से बाहर आकर सनातन मार्ग पर वसीम की वापसी
विजय मनोहर तिवारी | मंगलवार,दिसंबर 7,2021
यूट्यूब चैनलों में उन्हें अपनी बात खुलकर और विस्तार से रखने के अवसर मिले। अखबार और चैनल इसीलिए अप्रासंगिक हो रहे हैं कि ...
खुर्शीद अयोध्या को छोड़ें, मक्का पर लिखें
विजय मनोहर तिवारी | मंगलवार,नवंबर 16,2021
नया काबा अब सऊदी अरब में बनना था। अल-तबारी सबसे भरोसेमंद सूत्र माना गया है, जिसने इस दौरान हर साल के ब्यौरे लिखे। जहां ...
Rani Kamalapati: भोपाल की रूह में बसी एक रानी
विजय मनोहर तिवारी | सोमवार,नवंबर 15,2021
भारत के इतिहास का यह वह कालखंड है, जब दिल्ली पर तुर्क मुसलमानों को कब्जा जमाए छह सौ साल हो गए थे। तब भी दूरदराज भारत के ...
आखिर इस्लाम का ईंधन क्या है?
विजय मनोहर तिवारी | सोमवार,अक्टूबर 18,2021
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव को कई जगहों पर तहस-नहस की गई। मूर्तियां तोड़ दी गईं। मुसलमानों की अराजक भीड़ के हमलों ...