बर्गमैन का सिनेमा
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
सिनेमा की यह अद्भुत भाषा गढ़ने वाले कोई और नहीं, बर्गमैन थे। गत सदी के सबसे महान फिल्मकार इंगमार बर्गमैन, जो हालाँकि ...
ब्लॉगिंग से होगा हिंदी का विकास – कमल शर्मा
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
ब्लॉगिंग की दुनिया से फरवरी, 2007 से जुड़ा और अपना ब्लॉग वाह ! मनी के नाम से बनाया। बिजनेस पत्रकारिता से पिछले 19 साल ...
क्या बात है, वाह मनी ! की
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
कुछ बातें किताबों में लिखी जाती हैं और कुछ जीवन का यथार्थ होता है। जीवन का यथार्थ, जो आदर्श से नहीं, मनी से संचालित है। ...
ब्लॉग-चर्चा : कस्बे में बसे रवीश कुमार
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
ब्लॉग चर्चा का सफर जारी है और इस सफर में हमारे साथ नए-नए हमराह जुड़ते जा रहे हैं। इस बार हमारी यह यात्रा जाकर रुकी है, ...
ब्लॉग-चर्चा : कॉफी हाउस में कुछ पल
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
ब्लॉग-चर्चा में आज हम कॉफी की चुस्कियों के साथ कुछ समय कॉफी हाउस में बिताने वाले हैं। कॉफी हाउस का भूगोल और वहाँ भीतर ...
ब्लॉग चर्चा : एक हिंदुस्तानी की डायरी
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
एक हिंदुस्तानी की डायरी पत्रकार अनिल सिंह का ब्लॉग है। इस डायरी में बहुत सारी बातें दर्ज है। जीवन के ढेरों अनुभव हैं, ...
जुस्तजू जिसकी थी
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
चीजें हमेशा ठीक वैसी ही नहीं होतीं, जैसी वह ऊपर से नजर आती हैं। जिंदगी भी वैसी नहीं होती, जैसी सतह पर दिखती है। चेहरा ...
ब्लॉग-चर्चा : कुछ नुक्ताचीनी हो जाए
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
ब्लॉग-चर्चा में आज हम बात करने वाले हैं, एक ऐसे शख्स की, जिनका नाम आलोक कुमार के बाद हिंदी के सबसे पुराने ब्लॉगरों ...
ब्लॉग-चर्चा
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
दुबई में रह रही बेजी जैसन पेशे से तो डॉक्टर हैं, लेकिन मन उनका कवियों वाला है। वो गद्य भी लिखें तो उसमें कविता के सुर ...
आजादी आई आधी रात
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
15 अगस्त, 1947 को आधी रात के वक्त, जब पूरा देश गहरी नींद में सोया हुआ था, वर्षों की गुलामी के घने कुहरे को भेदती हुई ...