ब्लॉग चर्चा : उदय प्रकाश का ब्लॉग
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   सन् 2005 में जब हिंदी में कोई ठीक से ब्लॉग का नाम भी नहीं जानता था, उदय प्रकाश ने अपने ब्लॉग की शुरुआत की, लेकिन यह ... 
									
								इलाहाबाद का वह शर्मीला नौजवान
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   कलकत्ता में एक प्राइवेट कंपनी में छः साल नौकरी करने के बाद उसके मन में यह ख्याल आया कि क्यों न हिंदी फिल्मों में अपनी ... 
									
								ब्लॉग-चर्चा : कस्बे में बसे रवीश कुमार
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   ब्लॉग चर्चा का सफर जारी है और इस सफर में हमारे साथ नए-नए हमराह जुड़ते जा रहे हैं। इस बार हमारी यह यात्रा जाकर रुकी है, ... 
									
								ब्लॉग-चर्चा : ‘प्रत्यक्षा’ का हमनाम ब्लॉग
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   ब्लॉग-चर्चा में इस बार हम लेकर आए हैं, हिंदी की जानी-मानी चिट्ठाकार प्रत्यक्षा का ब्लॉग। ब्लॉग भी उनका हमनाम ही है ... 
									
								जुस्तजू जिसकी थी
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   चीजें हमेशा ठीक वैसी ही नहीं होतीं, जैसी वह ऊपर से नजर आती हैं। जिंदगी भी वैसी नहीं होती, जैसी सतह पर दिखती है। चेहरा ... 
									
								कुर्तुल आपा को आखिरी सलाम
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   कुर्तुल-ऐन-हैदर की उम्र तब मात्र 32 वर्ष थी, जब उन्होंने ‘आग का दरिया’ लिखा था। ‘आग का दरिया’ सचमुच आग का दरिया ही था। ... 
									
								पचास साल लंबा विविध भारती सफर
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में, जबकि सस्ते मनोरंजन के ढेरों साधन धड़ाधड़ उग रहे हैं, थोक के भाव फिल्में बन रही हैं, ... 
									
								तुलसी जयंती पर विशेष
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   आज से चार सौ साल पूर्व सोलहवीं शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर के जमाने में जन्मे कवि और दार्शनिक तुलसीदास की रचनाएँ आज ... 
									
								बर्गमैन का सिनेमा
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   सिनेमा की यह अद्भुत भाषा गढ़ने वाले कोई और नहीं, बर्गमैन थे। गत सदी के सबसे महान फिल्मकार इंगमार बर्गमैन, जो हालाँकि ... 
									
								आजादी आई आधी रात
jitendra | बुधवार,अक्टूबर 29,2014
									   									   15 अगस्त, 1947 को आधी रात के वक्त, जब पूरा देश गहरी नींद में सोया हुआ था, वर्षों की गुलामी के घने कुहरे को भेदती हुई ... 
									
								
						
											
