मां पर कविता : बेटियों का मां होना
ज्योति जैन | बुधवार,मई 10,2023
निश्चित ही मां बनने के लिए संतानोत्पत्ति अनिवार्य है....।
लेकिन कुछ बेटियां ....
जन्मजात ही...
मां होती हैं..।
...
इंदौर पर कविता : अपना इंदौर
ज्योति जैन | मंगलवार,जनवरी 10,2023
Indore Poem : अहिल्या की विरासत, शिव को जल चढ़ाती, बाड़े को नमन् करने, रवि किरण अकुलाती, गैरों को शहर लगता, ये ठिया-ठौर ...
तीन तलाक पर कविता : तीन तलाक गुनाह है...
ज्योति जैन | शनिवार,नवंबर 26,2022
आखिरकार किसी ने समझी..
मेरे मन की बात...
कोई है जो समझ गया है..
नारी के जज़्बात...
तीन तलाक की लटक रही थी...
मेरे ...
संजा : ग्राम्य सखियों का भोला प्रकृति लोकपर्व
ज्योति जैन | शनिवार,सितम्बर 10,2022
लोक कला का ये पर्व संजा एक अलग ही सौंधी महक लिए आता था व सच्ची में बेटी की सी भावना लिए हम भावी माताओं का विदाई वाले ...
महिला समानता दिवस :साहित्य व समाज में आज भी है लैंगिक भेदभाव
ज्योति जैन | गुरुवार,अगस्त 25,2022
महिला समानता दिवस : साहित्य व समाज में लैंगिक भेदभाव इस विषय का तात्पर्य है कि लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ आज भी ...
शादी का झांसा : दोनों पक्ष समझें आधुनिकता में मर्यादा की अहमियत...
ज्योति जैन | सोमवार,मई 9,2022
आए दिन खबरें पढ़ने में आ रही हैं कि शादी का झांसा देकर युवती का शोषण किया गया। जेहन में एक प्रश्न बार-बार कौंध रहा था ...
देश के लिए अगर आप ये काम करते हैं तो ही सच्चे देशभक्त हैं....
ज्योति जैन | मंगलवार,जनवरी 25,2022
हममें से प्रत्येक नागरिक किसी न किसी रूप में, प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से देश की सेवा कर सकता है, यदि वह चाहे तो। ...
अलविदा मन्नू दी : सुविख्यात लेखिका मन्नू भंडारी से एक पुरानी मुलाकात
ज्योति जैन | सोमवार,नवंबर 15,2021
संवेदनशील लेखन की दुनिया में लेखिका मन्नू भंडारी का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। आज सूचना मिली है कि मन्नू ...
साहित्यकार मन्नू भंडारी नहीं रहीं : जानिए उनके साहित्य सृजन में स्त्री विमर्श
ज्योति जैन | सोमवार,नवंबर 15,2021
स्त्री विमर्श का यह संपूर्ण साहित्य मन्नू जी का अंश बन चुका है, जिनके हृदय में साक्षात सरस्वती विद्यमान है। उन्हें याद ...
हिन्दी दिवस पर लघुकथा : मातृभाषा या मात्र एक भाषा
ज्योति जैन | सोमवार,सितम्बर 13,2021
मंच पर बड़े-बड़े अक्षरों में कार्यक्रम का विषय लिखा था अपनी मातृभाषा हिन्दी को कैसे बचाएं। उसका मन कह रहा था कि हिन्दी ...