मोदी जनादेश का एक साल : चंद सवाल
जयदीप कर्णिक | शनिवार,मई 26,2018
आज ही के दिन ठीक एक साल पहले यानि 16 मई 2014 को वो ऐतिहासिक जनादेश आया था। मतपेटियों से दनादन कमल के फूल खिल रहे थे। ...
अब तो मज़हब कोई ऐसा चलाया जाए...
जयदीप कर्णिक | मंगलवार,अप्रैल 10,2018
कितनी सारी किताबें हैं, श्लोक हैं, शबद हैं, आयतें हैं। कितने उपदेश, फिल्में, गीत, कहानियाँ, उदाहरण, शायरी। सभी में से ...
जरूरी है तालिबानी सोच पर लगाम
जयदीप कर्णिक | गुरुवार,मार्च 8,2018
त्रिपुरा में ऐतिहासिक सफलता और सत्ता के उन्माद में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ब्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा ध्वस्त कर दी। ...
बाज़ार की ओट में प्रेम का वसंत!!
जयदीप कर्णिक | गुरुवार,फ़रवरी 15,2018
जब कबीर ने ये कहा था तो निश्चित ही प्रेम की अवधारणा और उसका धरातल बहुत अलग था। काल बदल गया है और आज प्रेम का बाज़ार सजा ...
प्रयत्नों की रोशनी से झाँकती उम्मीदें...
जयदीप कर्णिक | शनिवार,दिसंबर 30,2017
जब भी साल बदलता है, हमें ठहरकर सोचने पर मजबूर करता है। यों तो हर पल गतिमान समय की धार में साल, वर्ष, बरस… जो भी कह लें, ...
99 के फेर में भाजपा...
जयदीप कर्णिक | मंगलवार,दिसंबर 19,2017
बहुत सारे विश्लेषक और राजनीति के जानकार मानकर चल रहे थे कि गुजरात में कशमकश वाली कोई बात नहीं है। राहुल गाँधी के ...
क्या मंज़िल पर पहुँच जाएगी नोटबंदी की रेल?
जयदीप कर्णिक | मंगलवार,नवंबर 7,2017
आठ नवंबर 2016 को रात आठ बजे अचानक ये घोषणा हुई कि अब ये रेल नोटबंदी के स्टेशन की तरफ़ जाएगी। एक ऐसी रेल जिसमें सवार ...
#वेबदुनियाके18वर्ष : उमंगों के आसमान में सपनों की खेती....
जयदीप कर्णिक | शनिवार,सितम्बर 23,2017
लोग धरती को सींचने के नए तरीके ढ़ूँढ़ रहे थे .... और हमने बादलों पर पैर रक्खे हुए थे। हम आसमान में खेती कर रहे थे…..सब ...
उसैन बोल्ट – काँस्य से काँस्य तक
जयदीप कर्णिक | मंगलवार,अगस्त 8,2017
शिखर पर अकेलापन होता है। महान प्रतिभाएँ महान संकटों के लिए अभिशप्त हैं। ऊपर चढ़ते वक्त वो कौन सा बिन्दु है जिसे आप अंतिम ...
एक राष्ट्र ... एक ध्वज
जयदीप कर्णिक | मंगलवार,जुलाई 18,2017
राष्ट्रवाद की समूची अवधारणा को ही चुनौती देने और नए-नए तरीकों से राष्ट्रवाद को गढ़ने के इस दौर में एक और नए तरह का ...