बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया
गिरीश पांडेय | सोमवार,मार्च 24,2025
Rupee symbol of socialism: समाजवाद का प्रतीक। यह सबका होता और सब इसके। इसका कोई जाति, धर्म या मजहब नहीं होता। यह छुआछूत ...
वेंटिलेटर पर रिफिल
गिरीश पांडेय | शनिवार,मार्च 22,2025
Refill on ventilator: मसि कागद छुओ नहीं, कलम गही नहिं हाथ'। कबीर दास की ये लाइनें इस बात का प्रमाण कलम, स्याही और कागज ...
महाकुंभ के असली पात्र तो रमेश जैसे लाखों लोग हैं
गिरीश पांडेय | मंगलवार,फ़रवरी 11,2025
लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर। गोरखपुर के बांसगांव तहसील स्थित मेरे गांव सोनइचा से रमेश का फोन आता है। वह खेतीबाड़ी के ...
सोशल मीडिया पर वायरल चंद लोगों से इतर भी महाकुंभ
गिरीश पांडेय | शुक्रवार,जनवरी 31,2025
Prayagraj Mahakumbh 2025: अपनी कुछ खूबियों के कारण सोशल मीडिया पर वायरल चंद लोगों से इतर भी महाकुंभ है। वही महाकुंभ ...
दर्द महाकुंभ में खोए हुए जूतों का
गिरीश पांडेय | सोमवार,जनवरी 27,2025
Prayagraj Maha Kumbh: मैं चरणपादुका हूं। कठिन लग रहा है न मेरा ये नाम। जी। मुझे जूता, चप्पल, सैंडिल आदि नामों से भी ...
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप जन मन का आयोजन बना महाकुंभ
गिरीश पांडेय | सोमवार,जनवरी 27,2025
Prayagraj Maha Kumbh: तीरथ राज प्रयाग का महाकुंभ जन मन का महापर्व बन चुका है। अपवाद छोड़ दें तो हर कोई एक दूसरे का संभव ...
महाकुंभ : न पलक झुकेगी, न मन भरेगा
गिरीश पांडेय | सोमवार,जनवरी 27,2025
Prayagraj Maha Kumbh: तीरथ राज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम के महाकुंभ के बारे में सिर्फ ...
कभी हैसियत का पैमाना होता था पानदान
गिरीश पांडेय | बुधवार,दिसंबर 18,2024
Paandaan was once a measure of status: कभी पानदान किसी के खानदान की हैसियत का पैमाना होता था। हैसियत के अनुसार यह सोने, ...
आया राम, गया राम सिद्धांत के विपरीत है एक देश, एक चुनाव
गिरीश पांडेय | गुरुवार,दिसंबर 5,2024
One nation, one election: एक देश, एक चुनाव। मैं निजी रूप से इसका विरोधी हूं। मेरे जैसे और भी होंगे। निठल्ले तो हरगिज ही ...
कोरोना में कारोबार बर्बाद हुआ तो केला बना सहारा
गिरीश पांडेय | शनिवार,नवंबर 9,2024
Banana Products: अनीता राय। कुशीनगर जिले के तमकुही सेवरही रोड पर बनरहा मोड़ के पास रहती हैं। वह वैश्विक महामारी कोविड ...