• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. तीज त्योहार
  4. Mauna Panchami In Sawan 2024
Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 24 जुलाई 2024 (15:32 IST)

श्रावण कृष्ण पंचमी के दिन मनाई जाती है मौना पंचमी, जानें मुहूर्त और इस व्रत के बारे में

Mauna Panchami: श्रावण कृष्ण पंचमी के दिन मनाई जाती है मौना पंचमी, जानें मुहूर्त और इस व्रत के बारे में - Mauna Panchami In Sawan 2024
Mauna Panchami Vrat 
 
Highlights  : 
 
मौना पंचमी पर जानिए व्रत का महत्व।
मौना पंचमी पर किसका पूजन करें।
मौन व्रत क्यों रखा जाता है। 
2024 Mauna Panchami : वर्ष 2024 में 25 जुलाई 2024, दिन गुरुवार को मौना पंचमी पर्व मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष श्रावण/सावन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली पंचमी को मौना पंचमी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह पर्व श्रावण माह के पांचवें दिन मनाया जाता है। तथा नाग पंचमी का पर्व दिन शुक्रवार, 09 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। 
 
महत्व- मान्यतानुसार श्रावण के म‍हीने को बहुत ही पवित्र मास के रूप में मनाया जाता है। इस माह में भगवान भोलेनाथ और नागदेव के पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन नाग देवता को सूखे फल, खीर आदि चढ़ा उनकी पूजा की जाती है। कई क्षेत्रों में इसे सर्प से जुड़ा पर्व भी मानते हैं। इस तिथि के देवता शेषनाग हैं इसलिए इस दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शेषनाग की पूजा भी की जाती है। 
 
मौना पंचमी के दिन शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप की पूजा काफी महत्व रखती है। इस रूप में शिव को ज्ञान, ध्यान, योग और विद्या का जगद्गुरु माना गया है। इस दिन दक्षिणामूर्ति स्वरूप शिव की पूजा से बुद्धि तथा ज्ञान में बढ़ोतरी होती है तथा भक्त को जीवन में हर तरफ से सफलता प्राप्त होती है। 
किसका करें पूजन : इस दिन भगवान भोलेनाथ और शेषनाग की पूजा की जाती है। इस दिन पंचामृत और जल से शिवाभिषेक करने का बहुत महत्व है। मौना पंचमी के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करके मौन व्रत रखने का काफी महत्व है। मौना पंचमी को शिव पूजा और मौन व्रत का यही संदेश है कि मौन मानसिक, वैचारिक और शारीरिक हिंसा को रोकने का काम करता है। मौन व्रत न केवल व्यक्ति को मानसिक रूप से संयम और धैर्य रखना सिखाता है बल्कि वह शारीरिक ऊर्जा के नुकसान से भी बचकर सफलता पाता है।
 
इस व्रत में क्या करते हैं : इस दिन कई क्षेत्रों में आम के बीज, नींबू तथा अनार के साथ नीम के पत्ते चबाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये पत्ते शरीर से जहर हटाने में काफी हद तक मदद करते हैं। 
 
व्रत का संदेश :
 
- मौना पंचमी व्रत का संदेश भी यही है कि मनुष्‍य के मौन धारण करने से जीवन में हर पल होने वाली हर तरह की हिंसा से उसकी रक्षा होती है।
 
- मनुष्य के जीवन में धैर्य और संयम आता है। 
 
- मनुष्य का मन-मस्तिष्‍क अहिंसा के मार्ग पर चलने लगता है। 
 
- मौना पंचमी के दिन इन दोनों देवताओं शिव जी तथा शेषनाग का पूजन करने से जीवन में आ रहे काल का भय नष्‍ट होता है। 
 
- यह व्रत हर प्रकार के कष्ट दूर करने में कारगर है।
 
क्यों रखें मौन व्रत : 
 
इस दिन मौन व्रत रखना भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें मौन का अर्थ है- चुप रहना, किसी से बातचीत नहीं करना चाहिए, इसीलिए यह तिथि 'मौना पंचमी' के नाम से जानी जाती है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करती हैं। मौना पंचमी के दिन विधिपूर्वक पूजन करने से घर परिवार पर आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
 
मेले का आयोजन : 
 
मौना पंचमी के दिन झारखंड के देवघर के शिव मंदिर में शर्वनी मेला मनाया जाता है। इसी दिन नाग मरुस्थले व्रत भी रखा जाता है। 
 
मौना पंचमी पर पूजन का शुभ मुहूर्त और समय 
 
मौना पंचमी : 25 जुलाई 2024, गुरुवार 
 
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.16 से 04.57 तक। 
प्रातः सन्ध्या- सुबह 04.36 से 05.39 तक। 
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 12.00 से 12.55 तक। 
विजय मुहूर्त- दोपहर 02.44 से 03.38 पी एम तक। 
गोधूलि मुहूर्त- सायं 07.16 से 07.37 पी एम तक। 
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07.16 से 08.19 तक। 
अमृत काल- रात्रि 08.55 से 10.24 तक। 
निशिता मुहूर्त- 26 जुलाई रात्रि 12.07 से 12.49 तक। 
विडाल योग- दोपहर 04:16 से 26 जुलाई तड़के 05:39 तक।

 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।