शनिवार, 21 दिसंबर 2024
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Candidate Name राहुल गांधी
State Kerala
Party Congress
Constituency Wayanad
Candidate Current Position Member of parliament

Rahul Gandhi Biography In Hindi : केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लोकसभा चुनाव 2024 में वायनाड के साथ रायबरेली से भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालकर कांग्रेस के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश की, लेकिन भारत जोड़ो न्याय यात्रा को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। उनकी यात्रा जब किसी राज्य में प्रवेश करती है, उससे पहले भाजपा किसी न किसी रूप में कांग्रेस को झटका दे देती है। 
 
दो बड़ी घटनाएं : राहुल गांधी के जीवन में दो बड़ी ट्रैजिडी शामिल हैं। राहुल जब सिर्फ 14 साल के थे, तब उनकी दादी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। इसके बाद जब वे 21 साल के हुए तब उनके पिता की हत्या कर दी गई। इन दोनों घटनाओं ने राहुल गांधी के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डाला।
 
राजनीतिक करियर : 2003 में राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजनीति में आए। वे सार्वजनिक समारोहों सोनिया गांधी के साथ नजर आने लगे। 2004 में चुनाव लड़ने के साथ उन्होंने राजनीति में अपने प्रवेश की घोषणा की। वे अपने पिता की सीट अमेठी से चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
 
जीत का बनाया रिकॉर्ड : राहुल गांधी जनवरी 2004 में पहली बार अमेठी गए थे। उन्होंने मार्च 2004 में ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। उन्होंने अमेठी लोकसभा सीट से करीब 3 लाख मतों से जीत हासिल की। अमेठी लोकसभा सीट से पूर्व पीएम स्व. राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी सांसद रह चुके हैं। 
 
संगठन में संभाली जिम्मेदारी : राहुल गांधी को 24 सितंबर 2007 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया। उसी फेरबदल में, उन्हें युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। उनकी छवि कांग्रेस में एक युवा नेता के रूप में उभरी।
 
2007 में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एक उच्च स्तर के कांग्रेस अभियान में उन्हें प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। हालांकि पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इससे राहुल को काफी आलोचना भी झेलना पड़ी थी। 
 
अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष तक की जिम्मेदारी : 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 10 अगस्त 2019 तक वे अध्यक्ष पद पर रहे। जनवरी 2013 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक जयपुर में हुई थी। इसमें राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया था।
 
जन्म और शिक्षा : राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को भारत के राजनीतिक रूप से सबसे ताकतवर परिवार गांधी परिवार में हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के पुत्र और इंदिरा गांधी के पोते राहुल अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं और प्रियंका गांधी वढेरा के बड़े भाई हैं।
 
राहुल गांधी ने पहले दून स्कूल में पढ़ाई की और फिर इसके बाद दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफेंस कॉलेज में। फिर उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के छात्र के रूप में दाखिला लिया। सुरक्षा कारणों से उन्हें हार्वर्ड से हट कर विंटर पार्क, फ्लोरिडा  के एक कॉलेज में दाखिला लेना पड़ा। वहां से उन्होंने 1994 में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिग्री ली।
 
इसके बाद वे केंब्रिज विश्वविद्यालय के मशहूर ट्रिनिटी कॉलेज चले गए। यहां से उन्होंने 1995 में 'डेवलपमेंट स्टडीज' में 'एमफ़िल' किया। इसके बाद वे लंदन में दुनिया में 'ब्रैंड स्ट्रेटेजी' की बड़ी कंपनी 'मॉनीटर ग्रुप' में नौकरी करने लगे। उन्होंने इस कंपनी में अपना नाम बदल कर तीन साल तक नौकरी की। जब तक वे वहां रहे उनके साथियों को इसकी भनक भी नहीं लग पाई कि वो इंदिरा गांधी के पोते के साथ काम कर रहे हैं।
 
छद्म नाम से काम : स्नातक की पढ़ाई के बाद राहुल ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान वे यहां छद्म नाम 'रॉल विंसी' के नाम से कार्य करते थे। सन 2002 के अंत में वे मुंबई में अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित एक आउटसोर्सिंग कंपनी के चलाने के लिए भारत लौट आए।
 
खेलों के शौकीन : राजनीति के अलावा राहुल गांधी को खेलों का भी शौक है। राहुल गांधी तैराकी, साइक्लिंग, बॉक्सिंग और निशानेबाजी भी जानते हैं। उन्होंने मार्शल आर्ट्स की भी ट्रेनिंग ली है। वे विमान उड़ाना भी जानते हैं।
 
पहली बार हुई थी गिरफ्‍तार : राहुल गांधी पहली बार 2011 में गिरफ्तार हुए थे। वे उत्तरप्रदेश के किसानों से मिलने जा रहे थे, इस दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया। उस वक्त यूपी में मायावती के नेतृत्व में बीएसपी की सरकार थी। भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, जिनसे मिलने राहुल गांधी यूपी के भट्टा पारसौल गांव जा रहे थे।
 
अपनी ही सरकार के अध्यादेश को बताया बकवास : 2013 के सितंबर महीने में यूपीए सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था। इस अध्यादेश का उद्देश्य उसी साल जुलाई महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश को निष्क्रिय करना था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषी पाए जाने पर सांसदों और विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसमें नेता अध्यादेश की अच्छाइयों को जनता को बताना चाहते थे। 
 
राहुल गांधी कॉन्फ्रेंस में पहुंचे और उन्होंने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे और कहा कि ये अध्यादेश पूरी तरह बकवास है। उन्होंने अध्यादेश की कॉपी फाड़ने की बात कहते हुए वहां रखे कागज फाड़ दिए थे जिसे राजनीतिक गलियारों में अध्यादेश फाड़ना माना गया था। बाद में अक्टूबर महीने में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस अध्यादेश को वापस ले लिया था। 
 
बयान पर गई सांसदी : राहुल गांधी ने मई 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरनेम से जुड़ा एक विवादित बयान दिया था। राहुल ने ललित मोदी, नीरव मोदी का हवाला देते हुए पूछा था कि सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है? इसी बयान के बाद राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज हुआ था। 
 
मार्च 2023 में सूरत में कोर्ट ऑफ चीफ़ जूडिशल मैजिस्ट्रेट ने इस मामले राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की कैद की सजा सुनाई थी। 
 
सजा के बाद राहुल गांधी की सांसदी भी चली गई थी। 137 दिनों तक संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद  सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी।