| Candidate Name |
जागृति ठाकुर |
| State |
Bihar |
| Party |
OTH |
| Constituency |
मोरवा |
| Candidate Current Position |
Jansuraj Party worker |
पूर्व मुख्यमंत्री व भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर इस बार बिहार के समस्तीपुर जिले की मोरवा विधानसभा सीट से जन सुराज पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। जागृति, पूर्व सीएम के बेटे डॉ. वीरेन्द्र ठाकुर की पुत्री हैं। उनके बड़े चाचा रामनाथ ठाकुर वर्तमान में जेडीयू के राज्यसभा सांसद और केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री हैं। जन सुराज ने जिस चेहरे पर भरोसा जताया है, वे न केवल राजनीतिक विरासत से आती हैं, बल्कि निजी जीवन में भी ईमानदारी और पारदर्शिता का दावा कर रही हैं।
पेशे से चिकित्सक हैं जागृति ठाकुर
31 वर्षीय डॉ. जागृति पेशे से चिकित्सक हैं और उनके पति मृत्युंजय माधव भारतीय विदेश सेवा (IFS) में कार्यरत हैं। नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र के अनुसार उनके खिलाफ अब तक कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है और ना ही कोई केस न्यायालय में लंबित है। वे पेशे से डेंटल सर्जन हैं और पटना के बुद्धा डेंटल कॉलेज से पढ़ाई की है। शादी के बाद वे हिमाचल प्रदेश में बस गईं, लेकिन अब उन्होंने बिहार लौटकर राजनीति में आने का फैसला किया।
कब चर्चा में आई जागृति ठाकुर
जागृति बिहार के जननायक के नाम से मशहूर समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव से पहले 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। जागृति उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने यह दावा किया कि उनके दादा कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद बड़े समाजवादी नेताओं ने उनके पिता वीरेंद्र ठाकुर को राजनीतिक विरासत संभालने के लिए आगे बढ़ाना चाहा था, लेकिन उनके पिता ने यह मौका अपने बड़े भाई रामनाथ ठाकुर को दिया था। मोरवा में जागृति की उम्मीदवारी के बाद दूसरे दलों में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि जन सुराज पार्टी के एक सर्वे में यह सामने आया है कि इलाके में कर्पूरी ठाकुर को लोग अब भी पसंद करते हैं।
विरासत की लड़ाई
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जननायक के नाम से मशहूर हैं। वर्तमान में बिहार के दिग्गज नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव खुद को कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक शिष्य बताते हैं। उनकी विरासत पर दावा करने के लिए नीतीश ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को राज्यसभा भेजा और केन्द्र में मंत्री बनवाया। वहीं, तेजस्वी यादव ने यह कहकर उनकी विरासत पर दावा करने की कोशिश की कि स्व. ठाकुर की मौत उनके पिता (लालू) की गोद में हुई थी। यदि जागृति को चुनाव में सफलता मिलती है तो वे कर्पूरी ठाकुर की तीसरी पीढ़ी के रूप में उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगी।