Candidate Name |
अनिल विज |
State |
हरियाणा |
Party |
BJP |
Constituency |
अंबाला छावनी |
Candidate Current Position |
Former Home Minister |
Anil Vij Profile in hindi : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज अंबाला सीट से चुनाव में उतरे हैं। वे इस चुनाव से पहले बयानों को लेकर भी चर्चाओं में हैं। बयानों से लगता है कि वे पार्टी संगठन के फैसलों से कहीं नाराज नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने परिमल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है।
राजनीतिक करियर : विज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्रसंघ अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए, जब वे एस डी कॉलेज, अम्बाला कैंट में पढ़ रहे थे। वह 1970 में एबीवीपी के महासचिव बने। 1974 में उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी मिली थी। 16 साल तक उन्होंने बैंक अधिकारी के रूप काम किया।
विज ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1990 में अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र से उस समय लड़ा जब पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सीट छोड़ दी और राज्यसभा सदस्य बन गईं। अनिल विज ने उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। 1991 के विधानसभा चुनावों में अनिल विज ने कांग्रेस उम्मीदवार बृज आनंद से 8,017 वोटों से हार गए।
1996 और 2000 में अनिल विज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और दोनों बार जीत हासिल की। 1996 के चुनाव में विज ने कांग्रेस उम्मीदवार राज रानी को 6,090 वोटों से हराया। 2000 के चुनाव में विज ने बीजेपी के कबीर देव को 9,057 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी। 2005 में वे कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र कुमार से महज 615 वोटों से चुनाव हार गए।
इसके बाद अनिल विज भाजपा में लौट आए और 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन चुनाव जीते। 2014 से 2024 तक मनोहर लाल खट्टर सरकार में उन्होंने गृह, शहरी विकास, तकनीकी शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, खेल और युवा मामलों सहित कई मंत्रालय संभाले। मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी ने सीएम पद की शपथ ली। इन सबके बीच विज का नाम भी खूब चर्चाओं में था। खबरें थीं कि वे पार्टी के फैसले से नाराज थे।
जन्म और शिक्षा : अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद 1974 में उनका चयन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर अधिकारी हो गया। अनिल ने एसडी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। 1969 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीतियों के प्रचारक बन गए।