यात्राएं तोड़ती हैं कंफर्ट जोन...
डॉ. हरीश कुमार | सोमवार,जून 18,2018
छुट्टियां होती है तो हमारा मन यात्रा को जाने के लिए लालायित हो जाता है। आदमी का मन लगातार एक जैसी चीजें करने का आदी ...
आगे बढ़ना ही मनुष्य के जन्म की नियति है तो हम क्यों पीछे लौटें...
डॉ. हरीश कुमार | बुधवार,जून 13,2018
प्रकृति ने हमारे शरीर का ढांचा इस प्रकार बनाया है कि वह हमेशा आगे बढ़ने के लिए ही हमें प्रेरित करता है। हमारे पैर आगे ...
हिन्दी और रोजगार की भाषा
डॉ. हरीश कुमार | बुधवार,सितम्बर 14,2016
हिन्दी दिवस एक बार फिर आ गया है। हिन्दी के चलन-प्रचलन को लेकर सुझाव, चिंताओं और चिंतनों पर कार्यक्रम, आयोजन और वही सब ...