शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. व्यापार
  3. समाचार
  4. No cost EMI
Written By नृपेंद्र गुप्ता

जानिए क्या होती है No cost EMI, लेना चाहिए या नहीं...

जानिए क्या होती है No cost EMI, लेना चाहिए या नहीं... - No cost EMI
क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर आपको कई तरह की सुविधाएं प्राप्त होती हैं। उनमें से एक है नो कॉस्ट ईएमआई। इसमें आपको न तो ब्याज लगता है न प्रोसेसिंग फीस चुकानी होती है। बस जो वस्तु का दाम होता है वह निधार्रित समय में ईएमआई के माध्यम से आपके खाते से कट जाता है।

इसके उलट जब एक क्रेडिट कार्ड कंपनी से आप ईएमआई से कोई वस्तु खरीदते हैं तो आपको इस पर 8 से 15 प्रतिशत ब्याज चुकाना होता है साथ ही 0.5% से 3 प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस भी देना होता है।
 
अगर आपने मोबाइल, टीवी, फ्रीज या कोई अन्य महंगी वस्तु खरीदी है तो लोन प्रदाता कंपनियां जैसे बजाज फाइनेंस, फुलट्रॉन आदि क्रेडिट कार्ड कंपनियों से टाईअप कर आपको यह सुविधा प्रदान करती हैं। दरअसल, इस सुविधा के माध्यम से ईएमआई आपके क्रेडिट कार्ड से कट जाती है और उसकी कीमत आपके मासिक क्रेडिट कार्ड बिल में जुड़ जाती है।

यह तो ब्याज लेते हैं : 2013 में रिजर्व बैंक ने बैंकों को उत्पादों पर जीरो कॉस्ट ईएमआई देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। अत: नो कॉस्ट ईएमआई का विकल्प सामने आ गया। हालांकि बैंकों के नियम ब्याज रहित लोन की इजाजत नहीं देते।
 
क्यों चुने यह विकल्प : दरअसल नो कॉस्ट ईएमआई बैंक या फाइनेंशियल कंपनी द्वारा नहीं, बल्कि फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसे ऑनलाइन विक्रेताओं ने शुरू की है। इसमें ये कंपनियां आपको डिस्काउंट देंगी जो कि बैंक द्वारा वसूल किए जाने वाले ब्याज जितना होगा। इसलिए अंत में आपको EMI के अतिरिक्त ब्याज के पैसे नहीं देने है।


इस तरह यदि आपने 12000 रुपए का कोई सामान 6 माह की अवधि के लिए लिया है तो आपको हर माह  2000 रुपए चुकाने होंगे। चुकी आपको यह लोन क्रेडिट कार्ड कंपनी ने नहीं, फाइनेंशियल कंपनी ने दिया है। अत: आपको उस फाइनेंशियल कंपनी का ग्राहक होना जरूरी है।
 
क्यों नहीं चुनना चाहिए यह विकल्प : एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक, यस बैंक आदि अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई कॉमर्स वेबसाइट से सामान खरीदने पर नो कॉस्ट ईएमआई का ऑपशन देते हैं। हालांकि हो सकता है कि अगर आप नकद वस्तु खरीदने पर उस पर मिलने वाला डिस्काउंट ईएमआई पर मिलने वाले ब्याज से अधिक हो।

कई बार आप ईएमआई के चक्कर में ज्यादा महंगा सामान खरीद लेते हैं और आपका बजट गड़बड़ा जाता है। अगर आप क्रेडिट कार्ड बिल की आखिरी तारीख तक बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो आपको लगभग 750 रुपए फाइन भी भरना होता है।