व्रत-उपवास में ये 5 टिप्स, सेहत का रखेंगे ख्याल
व्रत-उपवास का सिलसिला शुरु हो चुका है। उपवास जरूर हमारी आस्था का विषय है, लेकिन इस दौरान सेहत का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। अगर व्रत के दौरान केवल फलाहारी और बिना नमक का भोजन ही लेते हैं, तो आपको सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जानिए 5 जरूरी टिप्स -
1 आहार विशेषज्ञों के अनुसार उपवास के दौरान अनाज की कमी की पूर्ति करते हुए संतुलित भोजन लेना बहुत जरूरी है। अधिक तला-भुना, मीठा या बिना नमक का खाना लेने से जहां ब्लडप्रेशर में कमी, शुगर या वजन बढ़ने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
वहीं केवल फलों पर निर्भर रहने व कम मात्रा में पानी पीने से भी कमजोरी, कब्ज आदि की समस्या हो सकती है इसलिए फलाहारी सामग्री से इस तरह का भोजन तैयार करना चाहिए जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल सके।छाछ और नींबू पानी जैसे पेय पदार्थ दिन भर लेते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी भी न हो और एनर्जी भी मिलती रहे।
2 छाछ और दही को शामिल करें - डाइटीशियन ममता गुरु के अनुसार उपवास के दौरान दिन में कई बार छाछ व नींबू पानी लेने से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और ऊर्जा भी मिलती रहेगी। इसके अलावा पपीते, स्ट्राबेरी, चीकू का शेक, पाइनएपल, मौसम्बी व संतरे का जूस आदि भी बीच-बीच में लिया जा सकता है।
3 नहीं होगा गरिष्ठ - वहीं उपवास के दौरान अगर एक बार फलाहार ग्रहण कर रहे हैं तो सिर्फ साबूदाने की खिच़ड़ी या आलू का हलवे जैसे किसी एक गरिष्ठ व्यंजन पर निर्भर रहने के बजाए कुट्टु, सिंघाड़े या राजगीर के आटे में उबला आलू मैश कर रोटी का आटा तैयार करें। इससे रोटी या पराठा बनाकर दही या लौकी के रायते के साथ खाने से पेट भी भरेगा और वजन बढ़ने की समस्या भी नहीं होगी। साबूदाना खिचड़ी में अगर आलू के बजाए लौकी का उपयोग किया जाए तो वह गरिष्ठ नहीं होगी।
4 ज्यादा देर न रहें भूखे - सुबह उठने के बाद ज्यादा देर तक भूखे रहने से एसीडिटी और लो ब्लडप्रेशर आदि की परेशानी हो सकती है। होम्योपैथी चिकित्सक व डायटीशियन डॉ.स्मिता नंबीशन के अनुसार व्रत के दौरान सुबह चाय पीने के बाद छाछ, दही, अधपकी सब्जियों का सलाद, फल आदि खाने से शरीर को एनर्जी मिलने लगती है।
5 फलाहारी खाने में हरी चटनी, रायते, खीरा जैसी चीजें शामिल कर विविधता लाई जा सकती है । इस दौरान यह ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि नमक व शकर का तालमेल न बिगड़ने पाए साथ ही पानी भी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।