• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Today Third Monday of Sawan
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 5 अगस्त 2024 (10:24 IST)

Sawan somvar 2024 : सावन का तृतीय सोमवार आज, जानें शुभ संयोग और आसान पूजा विधि

इस विधि से करें आज शिव जी का पूजन, होगी हर कामना पूर्ण

sawan dusra somvar
Highlights 
 
सावन का तीसरा सोमवार आज।
कैसे करें सावन सोमवार पर पूजन।
सावन सोमवार की आसान पूजा विधि।
sawan somvar vrat 2024 : वर्ष 2024 में 05 अगस्त को श्रावण मास का तीसरा सोमवार मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार सावन माह में सोमवार का खास महत्व होता है। आज सावन का तीसरा सोमवार व्रत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में मनाया जा रहा है। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा और व्रत-उपवास रखने का खास महत्व रहता है। अन्य कैलेंडर के अनुसार महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा और तमिलनाडु आदि राज्यों में सावन सोमवार व्रत 05 अगस्त से शुरू हो रहे हैं।
यहां जानें पूजन की सरल विधि और श्रावण सोमवार 2024 के शुभ संयोग: 
 
शिव पूजा विधि :
 
* इस दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
* उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
* फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं। 
* मंत्रोच्चार सहित सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं। 
* माता पार्वती जी को 16 श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
* फिर उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
* इसके बाद 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
* पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
* पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
* शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा अवश्य सुनें या पढ़ें।
* इस दिन व्रत करने वाले को केवल एक बार भोजन करना चाहिए।
* दिन में दो बार यानि सुबह और सायंकाल भगवान शिव की प्रार्थना करें।
* शाम को पूजा समाप्ति के बाद ही व्रत खोलें और सामान्य भोजन ग्रहण करें। 
* शास्त्रों के अनुसार सावन महीने के तीसरे सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
तीसरे श्रावण सोमवार पूजन के शुभ संयोग मुहूर्त -
 
शुक्ल पक्ष- शुक्ल पक्ष का पहला सोमवार आज।
प्रतिपदा तिथि- सायंकाल 06:03 तक
अश्लेशा नक्षत्र- दोपहर 03:21 तक
गुलिक काल- अपराह्न 02:07 से 03:48 तक
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 12:00 से 12:54 तक 
अमृत काल- दोपहर 01:38 से 03:21 तक। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ये भी पढ़ें
Shringi for abhishek : सावन मास में श्रृंगी से करें शिवलिंग का जलाभिषेक, महादेव होंगे अति प्रसन्न, देंगे आशीर्वाद