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Last Updated : मंगलवार, 17 सितम्बर 2024 (17:14 IST)

Manipur Violence: मणिपुर में स्थायी शांति को लेकर क्या बोले गृहमंत्री अमित शाह

कहा कि सरकार स्थायी शांति के लिए मेइती व कुकी समुदायों से कर रही बातचीत

Manipur Violence: मणिपुर में स्थायी शांति को लेकर क्या बोले गृहमंत्री अमित शाह - Home Minister Amit Shah's statement on permanent peace in Manipur
Manipur Violence: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा कि सरकार मणिपुर (Manipur) में स्थायी शांति के लिए मेइती और कुकी (Meitei and Kuki community) दोनों समुदायों से बातचीत कर रही है और उसने घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमार से लगती देश की सीमा पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह 3 दिनों की हिंसा को छोड़ दिया जाए तो मणिपुर में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही है और सरकार अशांत पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है।

 
पिछले 3 महीने में कोई बड़ी घटना नहीं हुई : इस मौके पर शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी थे। शाह ने कहा कि 3 दिन की हिंसा के अलावा पिछले 3 महीने में कोई बड़ी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिन से शांति है और मुझे उम्मीद है कि हम स्थिति को नियंत्रित कर लेंगे। हम दोनों समुदायों से बात कर रहे हैं। यह जातीय हिंसा थी और जब तक दोनों समुदायों के बीच बातचीत नहीं होगी, तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता।
 
शाह ने कहा कि हम शांति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों से बात कर रहे हैं। हमने एक खाका तैयार किया है और हम (शांति सुनिश्चित करने के लिए) हरसंभव कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने मणिपुर में रणनीतिक स्थानों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की तैनाती का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

 
गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन में म्यांमार-भारत की उस सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया है, जो समस्या की जड़ है। उन्होंने कहा कि (म्यांमार के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर) 30 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार ने सीमा पर कुल 1,500 किलोमीटर बाड़ लगाने के काम के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है।
 
भारत-म्यांमार मुक्त आवागमन व्यवस्था समाप्त : उन्होंने कहा कि सरकार ने उस भारत-म्यांमार मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को पहले ही समाप्त कर दिया है, जो भारत-म्यांमार सीमा के निकट रह रहे लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर भीतर तक जाने की अनुमति देती थी।
 
उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकने के लिए हमने म्यांमार के साथ की गई उस विशेष व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त कर दिया है जिसके तहत दोनों देशों के लोगों को बिना रोक-टोक के आवागमन की अनुमति थी। अब लोग केवल वीजा के साथ ही एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। हम इस संबंध में एक कानून लाए हैं। शाह ने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहले मौजूद रहीं सुरक्षा खामियों को भी दूर कर दिया है।

 
मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर एफएमआर लागू था। इसे भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत 2018 में लागू किया गया था। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में आम लोगों को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए 16 नए केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार खोलने का निर्णय लिया है। मणिपुर में ऐसे भंडारों की मौजूदा संख्या 21 है।
 
उन्होंने कहा कि वहां एक मार्ग बाधित था। उस अवरोध को हटा दिया गया है लेकिन मौजूदा हालात के कारण ट्रांसपोर्टर इस मार्ग से जाने से कतरा रहे थे। इसलिए दुकानें खोली गई हैं, जहां खाद्यान्न समेत करीब 100 चीजें मिलेंगी। शाह ने कहा कि इनकी कीमतें वाजिब हैं। गरीबों को लाभ मिलेगा। दुकानें सबके लिए खुली हैं।
 
मोदी की मणिपुर की संभावित यात्रा के बारे में यह कहा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मणिपुर की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि जब वे राज्य का दौरा करेंगे तो यह बात सभी को पता चल जाएगी। मणिपुर में पिछले वर्ष 3 मई को बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था और इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेहती समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं।
 
शाह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की समग्र स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के साथ 11 शांति समझौते किए हैं जिनके कारण 10,900 से अधिक युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल एक संगठन बचा है और हम उस संगठन से भी बातचीत कर रहे हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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