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Written By DW
Last Modified: सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 (13:56 IST)

थाईलैंड-कंबोडिया शांति समझौता हुआ, ट्रंप की अगली चुनौती चीन

After Thailand-Cambodia peace deal President Donald Trump's next challenge is China
- रजत शर्मा
5 दिन के एशिया दौरे पर आए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड-कंबोडिया के बीच आधिकारिक शांति समझौते पर दस्तखत किए। इसके अलावा चीन के साथ जारी व्यापार वार्ताओं में दोनों पक्षों की ओर से कुछ नरमी के संकेत मिल रहे हैं। थाईलैंड और कंबोडिया ने रविवार, 26 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में विस्तारित युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए। साल की शुरुआत में ट्रंप की आर्थिक दबाव की चेतावनी के बाद दोनों पड़ोसी देशों ने अपनी विवादित सीमा पर जारी झड़पें रोक दी थीं।

समझौते के पहले चरण में थाईलैंड अपनी जेलों में बंद कंबोडियाई कैदियों को रिहा करेगा, जबकि कंबोडिया सीमा से भारी हथियारों को हटाएगा। समझौते के अनुसार, यह सुनिश्चित करने के लिए कि लड़ाई दोबारा न भड़के, क्षेत्रीय पर्यवेक्षक हालात की निगरानी करेंगे। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में जारी आसियान सम्मेलन में पहुंचे ट्रंप ने हस्ताक्षर समारोह के बाद कहा, हमने वह कर दिखाया, जो कई लोग मानते थे कि संभव नहीं है।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने इसे स्थायी शांति की नींव कहा, जबकि कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। बाद में मानेत ने ट्रंप को शांति का दूत बताते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित किया।
 
ट्रंप का एशिया दौरा
आसियान के वार्षिक शिखर सम्मेलन में पहुंचने के बाद ट्रंप के एशिया दौरे का यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम रहा। इस दौरान ट्रंप ने कंबोडिया, थाईलैंड और मलेशिया के साथ कई नए आर्थिक समझौतों पर दस्तखत किए, जिनमें ज्यादातर का लक्ष्य महत्वपूर्ण खनिजों के व्यापार को बढ़ावा देना था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह कदम चीन पर निर्भरता घटाने की दिशा में उठाया गया है। चीन ने इसी महीने टेक सेक्टर में इस्तेमाल होने वाली कई रेयर अर्थ धातुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं।
 
इस दौरे में अमेरिकी राष्ट्रपति जापान और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे। इसके अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की भी संभावना है। यह दौरा उस वक्त हो रहा है जब ट्रंप वैश्विक अर्थव्यवस्था को झकझोर देने वाले टैरिफ विवादों और अमेरिका की घरेलू राजनीति के बीच खुद को एक प्रभावशाली ‘डीलमेकर' के तौर पर पेश कर रहे हैं।
आसियान की अमेरिका के लिए अहमियत
आसियान शिखर सम्मेलन, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ दोबारा जुड़ने का एक अवसर माना जा रहा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में बहुत ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी थी। 10 देशों के इस समूह साझा अर्थव्यवस्था करीब 3।8 ट्रिलियन डॉलर की है और करीब 68 करोड़ लोग यहां रहते हैं। सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने कहा, अमेरिका 100 फीसदी आपके साथ है।

हम अगली कई पीढ़ियों तक एक मजबूत साझेदार और मित्र बने रहना चाहते हैं। इस साल की शुरुआत में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हुई भीषण झड़पों में दर्जनों लोग मारे गए और तीन लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए। उस वक्त ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर हिंसा नहीं रुकी तो अमेरिका इन दोनों देशों से हुए व्यापारिक समझौते निलंबित कर देगा। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यही दबाव रविवार को हुए इस विस्तारित युद्धविराम समझौते की मुख्य वजह बना। 
आसियान में व्यापार और टैरिफ की बात
कुआलालंपुर में ट्रंप ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ एक द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया। अमेरिका के मुताबिक, ब्राजील के साथ कुछ समझौते हो सकते हैं। हालांकि ट्रंप कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से नहीं मिलेंगे।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कनाडा में ट्रंप टैरिफ विरोधी विज्ञापन प्रसारित होने से अमेरिकी राष्ट्रपति नाराज हैं और नतीजतन कनाडा पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं। यह भी कह चुके हैं कि कनाडा के साथ सारी व्यापार वार्ताएं स्थगित कर दी गई हैं। इस बार के आसियान सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हो रहे हैं। ऐसे में अमेरिका के साथ किसी भी स्तर की बातचीत में भारत का पक्ष विदेश मंत्री एस. जयशंकर रखेंगे।
 
चीन के साथ कश्मकश जारी
बीते हफ्तों में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद लगातार सुर्खियों में रहा है। चीन से व्यापार वार्ता कर रहे अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का कहना है कि अमेरिका और चीन, दोनों ही अब टकराव बढ़ाने के बजाए स्थिति संभालने को तैयार दिख रहे हैं। इसका मतलब है कि अमेरिका टैरिफ घटाकर नरमी का संकेत दे सकता और चीन रेयर अर्थ धातुओं पर लगी रोक हटाकर।
रविवार को एक अमेरिकी चैनल से बात करते हुए बेसेंट ने कहा कि दोनों देश व्यापार वार्ता में एक संतोषजनक स्थिति पर पहुंचे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या साल की शुरुआत वाला व्यापारिक युद्धविराम और बढ़ाया जा सकता है, तो बेसेंट ने कहा, मैं कहूंगा हां। बेसेंट ने यह भी जोड़ा कि अंतिम निर्णय राष्ट्रपति ट्रंप का ही होगा। एयर फोर्स वन पर बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से 30 अक्टूबर को होने वाली संभावित मुलाकात कई अहम मुद्दों पर प्रगति ला सकती है।

इसके इतर, ट्रंप को पूरा विश्वास है कि पूर्व में अपने दो सहयोगी देशों, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ व्यापारिक समझौते उनके इस एशिया दौरे के दौरान आखिरी रूप ले सकते हैं। मलेशिया में व्यापार वार्ता के बाद चीन के उप-वाणिज्य मंत्री ली चेंगगांग ने बताया कि दोनों पक्ष एक प्रारंभिक समझौते पर पहुंच गए हैं। हालांकि उन्होंने इससे ज्यादा कोई जानकारी साझा नहीं की।
अमेरिकी वित्त मंत्री बेसेंट ने इस बातचीत को पॉजिटिव और दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात से पहले एक बेहतर आरंभ बताया। सीबीएस न्यूज पर उपलब्ध बेसेंट के इंटरव्यू के मुताबिक, चीनी निर्यात पर 1 नबंवर से लगने वाले अतिरिक्त टैरिफ अब चर्चा में शामिल नहीं हैं यानी अमेरिका अब ऐसे कदमों के बारे में नहीं सोच रहा है।
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