शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. hindi poem spring season

कविता : बसंत

कविता : बसंत - hindi poem spring season
आया बसंत
पतझड़ का अंत
मधु से कंत।
 
ऋतु वसंत
नवल भू यौवन
खिले आकंठ।
 
शाल पलाश
रसवंती कामिनी
महुआ गंध।
 
केसरी धूप
जीवन की गंध में
उड़ता मकरंद।
 
कुहू के स्वर
उन्माती कोयलिया
गीत अनंग।
 
प्रीत पावनी
पिया हैं परदेशी
रूठा बसंत।
 
प्रिय बसंत
केसरिया शबाब
पीले गुलाब।