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Written By कमल शर्मा

आर्थिक सुधार की गति से तय होगी बाजार की चाल

आर्थिक सुधार की गति से तय होगी बाजार की चाल -
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की सरकार के 22 जुलाई को संसद में विश्‍वास मत हासिल करने के बाद अर्थव्‍यवस्‍था के मोर्चे पर अनेक सकारात्‍मक खबरें आई हैं, जिन्‍होंने शेयर बाजार के निवेशकों का विश्‍वास धीरे-धीरे लौटाना शुरू किया है।

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 147 डॉलर से घटकर 124 डॉलर प्रति बैरल आना जहाँ शेयर बाजार के लिए बड़ी सकारात्‍मक खबर है वहीं महँगाई दर में कमी और देश भर में रूठे मानसून की फिर से दस्‍तक अर्थव्‍यवस्‍था के लिए अच्‍छी बात है। अब यह माना जा रहा है कि दिल्‍ली सरकार से वामपंथियों की विदाई के बाद समाजवादियों के आगमन से आर्थिक सुधारों को गति मिलेगी।

इस गति के संकेत खुद वित्तमंत्री पी. चिंदम्‍बरम ने दिए हैं जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। यानी आने वाले दिनों में आर्थिक सुधारों की गति ही शेयर बाजार के बिगड़े माहौल को सुधार सकती है।

भारतीय शेयर बाजार के लिए सप्‍ताह का पहला दिन (28 जुलाई 2008) सकारात्‍मक रहा, लेकिन खिलाड़ियों की नजरें भारतीय रिजर्व बैंक की कल 29 जुलाई 2008 को होने वाली बैठक पर लगी है। इस बैठक के बाद शेयर बाजार ए‍क दिशा पकड़ सकता है। कुछ वित्तीय संस्‍थाओं को यह डर है कि भारतीय रिजर्व बैंक सीआरआर और रेपो रेट में 50 बेसिक अंकों तक की बढ़ोतरी कर सकता है। लेकिन कुछ बैंकर यह मानते हैं कि रिजर्व बैंक अब ऐसा नहीं करेगा क्‍योंकि इस तरह का अब उठाया गया कदम अर्थव्‍यवस्‍था को मंदी की ओर धकेल सकता है।

अर्थव्‍यवस्‍था को मंदी की ओर धकेलना खुद सरकार कभी नहीं चाहेगी क्‍योंकि अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले उसे अपने वोट बैंक को मजबूत करना है। वोट बैंक के साथ ही वित्तीय घाटे को कम करना भी उसकी प्राथमिकताओं में से एक है। यह घाटा कम करने का आसान उपाय सरकारी कंपनियों का निवेश करना है।

वामपंथियों के सरकार से हटने के बाद जहाँ सरकार कई कंपनियों का विनिवेश करने की जोरदार तैयार कर रही है वहीं अनेक सरकारी कंपनियों के आईपीओ लाने के लिए कमर कसी जा रही है। तकरीबन 20 सरकारी कंपनियों के आईपीओ लाए जाएँगे, जिनमें देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) शामिल है। सरकार वाकई आर्थिक सुधार की ओर अपने कदम बढ़ाती है तो इस साल के अंत तक बीएसई सेंसेक्‍स 18 हजार अंक तक पहुँच सकता है।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स इस सप्‍ताह में 14 हजार 777 अंक से ऊपर बंद होता है तो इसके 14 हजार 988 तक पहुँचने के आसार हैं। बीएसई सेंसेक्‍स में सपोर्ट स्‍तर 13 हजार 722 अंक का है, जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 4477 अंक से ऊपर बंद होता है तो यह 4533 अंक तक पहुँच सकता है। इसमें सपोर्ट स्‍तर 4122 अंक है।

तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्‍स इस सप्‍ताह 15 हजार 130 अंक से ऊपर बंद होता है तो ही शेयर बाजार में तेजी का माहौल बनेगा, लेकिन यदि यह 15 हजार 130 अंक को पार नहीं कर पाया और 13 हजार 156 अंक पर बंद हुआ तो यह 12 हजार 514 अंक तक आ सकता है। वे कहते हैं कि रेसिस्टेंस 15130-15789 और सपोर्ट स्‍तर 13782-13527 अंक पर दिखता है।

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 124 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जो निवेशकों के लिए राहत देने वाले हैं, लेकिन ईरान और इसराइल के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में क्रूड के दाम इस पर निर्भर रहेंगे कि इन दोनों देशों के बीच बयानबाजी कैसी रहती है और संबंधों में तनाव कैसा रहता है। अंतरराष्‍ट्रीय विश्लेषक इलियट का कहना है कि आने वाले दिनों में क्रूड के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएँगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रूड में तेजी के दिन हवा हो गए हैं।

इस सप्‍ताह निवेशक सविता केमिकल्स, व्‍हर्लपूल इंडिया, मंगलम टिम्‍बर, अरेवा टीएंडडी, हिंडाल्‍को, प्राज इंडस्‍ट्रीज, एक्सिस बैंक, डिश टीवी, सुजलॉन एनर्जी, जेएसडब्ल्यू स्‍टील, क्‍युमिंस और सुजलॉन एनर्जी पर ध्‍यान दे सकते हैं।
*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।