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Last Updated :मुंगेर/ पटना , रविवार, 21 मई 2017 (15:23 IST)

करेंसी संकट से एक बार फिर मचा हाहाकार

करेंसी संकट से एक बार फिर मचा हाहाकार - currency crises in Bihar
मुंगेर/ पटना। नोटबंदी के बाद नकदी की कमी से त्राहिमाम् की स्थिति झेल चुके लोगों में एक बार फिर करेंसी संकट होने से हाहाकार मच गया है।
 
बिहार में मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, गया, औरंगाबाद, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया सहित लगभग सभी जिलों के मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के राष्ट्रीयकृत बैंक, एटीएम और डाकघर रिजर्व बैंक की ओर से करेंसी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से इन दिनों गंभीर करेंसी संकट से जूझ रहे हैं। बैंक या एटीएम में करेंसी संकट के कारण जहां लोग शादी-विवाह की तारीखें बदलने को मजबूर हैं वहीं सरकारी विकास योजनाओं के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। 
 
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक की वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि राजधानी पटना में करेंसी की कमी तो नहीं है लेकिन अन्य जिलों में स्थित उनके बैंक की शाखाओं में करेंसी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अभी भी ग्राहकों को छोटे मूल्य जैसे 100, 50 और 10 रुपए के नोटों में भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि उपभोक्ताओं को सिक्के भी देने पड़ते हैं। 
 
वहीं एक सर्वेक्षण के अनुसार मुंगेर जिले की 124 बैंक शाखाएं और 94 एटीएम गंभीर करेंसी संकट का सामना कर रहे है। न बैंकों में रुपए मिल रहे हैं और न ही एटीएम में। सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक की मुंगेर स्थित प्रधान शाखा के मुख्य महाप्रबंधक बीके मिश्रा ने बताया कि रिजर्व बैंक की ओर से स्टेट बैंक के करेंसी चेस्ट को मांग के अनुरूप नोटों की आपूर्ति नहीं होने से करेंसी संकट कायम है। हम जिले के प्रधान डाकघर को भी मांग के अनुरूप करेंसी की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।
 
इस बीच दरभंगा से प्राप्त सूचना के अनुसार करेंसी संकट के कारण जिले के 50 प्रतिशत से अधिक सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के एटीएम बंद हैं। ग्राहकों की शिकायत पर जिलाधिकारी चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह ने दो दिन पहले सभी एटीएम का निरीक्षण किया जिसमें उपभोक्ताओं की शिकायतें सही पाई गईं। पैसा निकालने बैंक पहुंच रहे ग्राहकों का कहना है कि नकद मिलने में परेशानी हो रही है। यदि बैंक पैसे दे भी रहे हैं तो छोटे मूल्य के नोट या सिक्के अधिक होते हैं।
 
पंजाब नेशनल बैंक के वरीय प्रबंधक राजेन्द्र प्रसाद मंडल का कहना है कि करेंसी संकट का ज्यादा प्रभाव बैंक की ग्रामीण शाखाओं पर पड़ रहा है। करंसी चेस्ट में नोटबंदी के कारण चलन से बाहर हो चुके 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट पड़े हैं। चेस्ट में नई करेंसी रखने की जगह नहीं है। जिला मुख्यालय के उपभोक्ता नकदी संकट से नहीं जूझ रहे हैं लेकिन मुफस्सिल इलाकों में इसी बैंक के उपभोक्ता करेंसी की जबरदस्त कमी का सामना कर रहे हैं।
 
वहीं यूको बैंक की मुंगेर शाखा के सहायक शाखा प्रमुख बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि बैंक के उपभोक्ताओं को फिलहाल करेंसी संकट नहीं है लेकिन बैंक की ग्रामीण शाखाओं में उपभोक्ताओं को करेंसी संकट से रोज-रोज दो-चार होना पड़ रहा है।
 
राज्य के लगभग सभी जिलों के बैंकों और एटीएम के अलावा डाकघरों के सामने भी नकदी की कमी जैसी चुनौती है। मुंगेर, लखीसराय और शेखपुरा जिलों के डाकघरों की स्थिति के बारे में मुंगेर के डाक अधीक्षक जेपी सिंह ने बताया कि मुंगेर मुख्यालय के प्रधान डाकघर से लखीसराय और शेखपुरा जिलों के प्रधान डाकघरों को करंसी की आपूर्ति की जाती है। 
 
तीनों प्रधान डाकघरों से संबंधित जिलों के 32 ग्रामीण डाकघरों की आपूर्ति की जाती है। चूंकि स्टेट बैंक के करेंसी चेस्ट से मुंगेर डाकघर को मांग के अनुरूप करेंसी की आपूर्ति कई सप्ताह से नहीं हो पा रही है इसलिए तीनों जिलों के प्रधान डाकघरों सहित 32 ग्रामीण डाकघरों में उपभोक्ता गंभीर करेंसी संकट से जूझ रहे हैं।
 
सिंह ने बताया कि डाकघरों के बचत खाताओं से भी भुगतान उपभोक्ताओं को नहीं हो पा रहा हैं। उपभोक्ता पैसे निकालने के लिए लंबी कतार में खड़े तो होते हैं लेकिन नकदी की कमी के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कालेधन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के निर्णय के बाद लोगों को करेंसी संकट का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस वर्ष फरवरी में बैंकों, एटीएम और डाकघरों में नकद की उपलब्धता बढ़ गई थी लेकिन एक बार फिर उत्पन्न हुई करेंसी संकट से पूरे राज्य में त्राहिमाम् की स्थिति व्याप्त हो गई है। 
 
उपभोक्ताओं का कहना है कि अधिकांश एटीएम के 'शटर' गिरे हैं। इस भीषण गर्मी में बैंक उपभोक्ता एक एटीएम से दूसरे एटीएम बूथ की दौड़ लगा रहे हैं और खाली हाथ लौट रहे हैं। वहीं राज्य के कई नागरिक मंचों ने केंद्र सरकार से राज्य में व्याप्त गंभीर करंसी संकट का शीघ्र समाधान करने की अपील की है। (वार्ता)
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