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Last Modified: कोलकाता , गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017 (12:06 IST)

बड़ा खेल! यहां बन रहा कालाधन सफेद

बड़ा खेल! यहां बन रहा कालाधन सफेद - Black money
कोलकाता। कंपनी विभाग के सूत्रों का कहना है कि देश में काले धन को सफेद बनाने का सबसे बड़ा खेल कोलकाता में खेला जाता है। शहर इस कारोबार  का सबसे बड़ा केन्द्र है। कई सरकारी विभागों, जांच एजेंसियों तथा आयकर अधिकारियों का कहना है कि अकेले कोलकाता में ही डेढ़ लाख से भी ज्यादा  फर्जी कंपनियां हैं जिनका एकमात्र मकसद सिर्फ कालेधन को सफेद करना हो सकता है। शायद इसी कारण से इसे कालाधन को सफेद करने के कारोबार का  एक बड़ा केन्द्र भी माना जाता है। 
 
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि यह शहर इन दिनों काले धन को सफेद करने के मकसद से बनाई जाने वाली फर्जी कंपनियों का  ‘पसंदीदा अड्‌डा’ बना हुआ है। कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां स्थित करीब 90 फीसदी फर्जी कंपनियां हैं। इसलिए संभव है कि शहर ऐसी  कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के केंद्र में रहेगा।

यहां कोई भी महज 50 से 70 हजार रुपए देकर फर्जी कंपनी बना सकता है और कर बचा सकता है।  यहां चार्टर्ड अकाउंटेंट भी अच्छी तादाद में हैं। फर्जी कंपनियों के निदेशक ढूंढना तनिक भी मुश्किल नहीं है क्योंकि इन कंपनियों के ज्यादातर निदेशक चाय  बेचने वाले या सिक्योरिटी गार्ड होते हैं, जो महज 5000 रुपए लेकर कहीं भी दस्तखत करने को तैयार रहते हैं।
 
कोलकाता में दलालों और डाटा एंट्री ऑपरेटरों की भी कमी नहीं है, जो एक ही कमरे और एक ही लैपटॉप से कई कंपनियां बनाते-चलाते रहते हैं। आयकर  विभाग का कहना है कि शहर में इस तरह की डेढ़ लाख से भी अधिक कंपनियां हैं। इसके अलावा 6000 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी पहचान की गई  है जो इस काम में सक्रिय हैं। अखबार ने जब इस संबंध में कोलकाता में आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त सुब्रत कुमार दास से बात करने की कोशिश की  लेकिन उन्होंने इस हालत पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
 
हाल में ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए एक कार्यबल (टास्क फोर्स) का गठन किया और इसकी ओर से एक  सैंपल सर्वे का हवाला देते हुए बताया गया है कि नवंबर-दिसंबर में ही फर्जी कंपनियों में करीब 1,238 करोड़ रुपए नकद जमा कराए गए। इन कंपनियों के  मार्फत 559 लोगों ने 54 पेशेवरों की मदद से 3900 करोड़ रुपए की काली कमाई को सफेद कर दिया और लगता भी नहीं है कि इस गोरखधंधे पर कभी  आसानी से काबू पाया जा सकेगा।
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