रक्षाबंधन विशेष : कब बांधें राखी, पढ़ें श्रेष्ठ मुहूर्त
शास्त्रानुसार यदि श्रेष्ठ कार्य शुभ मुहूर्त में सम्पन्न किए जाएं तो वे अधिक फलदायी होते हैं। रक्षा बंधन हिन्दू संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह पर्व पूरे देश में अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर खंडग्रास चंद्रग्रहण रहेगा।
ग्रहण व भद्रा के चलते बहुत कम समय ही रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ रहेगा। 7 अगस्त दिन सोमवार को पूर्वार्ध की भद्रा रहेगी। शास्त्रानुसार भद्रा दिन में त्याज्य मानी जाती है। रक्षाबंधन के दिन 10 बजकर 24 मिनिट तक भद्रा रहेगी। वहीं ग्रहण का सूतक दोपहर 1 बजकर 29 मिनिट से प्रारंभ होगा। यद्यपि रक्षाबंधन के दिन भद्रा का वास पाताललोक में होने के कारण यह विशेष अशुभ नहीं होगी। मृत्युलोक की भद्रा विशेष अशुभ मानी जाती है। अत: रक्षाबंधन के मुहूर्त में सूतक व भद्रा विचार आवश्यक है।
रक्षाबंधन का श्रेष्ठ मुहूर्त-
अभिजित मुहूर्त- 12:00 से 1:00 बजे तक दिन में
लाभ- 3:00 से 4:30 बजे तक दोपहर
अमृत- 4:30 से 6:00 बजे तक सायंकाल
(ग्रहण का सूतक 1 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ होने के कारण रक्षाबंधन केवल लाभ, अमृत व अभिजित काल में ही किया जाना उचित है। रात्रि में श्रेष्ठ मुहूर्त का अभाव है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया