विवस्वत सप्तमी : भगवान सूर्यदेव के पूजन से हर मनोकामना होगी पूरी
आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को विवस्वत सप्तमी मनाई जाती है। मत-मतांतर के चलते इस बार सप्तमी तिथि 8 और 9 जुलाई 2019 को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है। इस व्रत को करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है।
विवस्वत सप्तमी व्रत का महत्व : सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन सारी परेशानियां दूर होती हैं तथा भाग्य का साथ मिलता है। यश-कीर्ति बढ़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी सारी समस्याएं दूर होती है।
आइए अब जानते हैं पूजा विधि :-
* अलसुबह उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
* अपने माथे पर लाल चंदन का तिलक लगाएं।
* तत्पश्चात तांबे के कलश में जल भर कर उसमें लाल फूल, रोली, अक्षत और चीनी डालें।
* इसके बाद सूर्यदेव को 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य चढ़ाएं।
* शाम को सूर्यास्त से पूर्व एक बार फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
* शाम को गुड़ का हलवा बना कर सूर्यदेव को अर्पित करें और इसे प्रसाद के रूप में बांटें।
* शाम को सूर्यदेव की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन करावाएं तथा दक्षिणा दें।
* सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए।
ज्ञात हो कि आषाढ़ शुक्ल सप्तमी पर भगवान सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।