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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 7 दिसंबर 2024 (16:06 IST)

नंदा सप्तमी की पूजा क्यों करते हैं? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, कथा

नंदा सप्तमी की पूजा क्यों करते हैं? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, कथा - Nanda Saptami Puja vidhi muhurat and katha
Nanda Saptami 2024: इस वर्ष 08 दिसंबर 2024 दिन रविवार को नंदा सप्तमी पर्व मनाया जा रहा है। इस भानु सप्तमी और सूर्य सप्तमी भी कहते हैं। यह व्रत या पर्व प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पड़ता है। विशेष रूप से इस दिन भगवान सूर्य, भगवान श्री गणेश और देवी नंदा इन तीनों देवी-देवताओं का पूजन करने की मान्यता है।ALSO READ: भानु सप्तमी कब है, क्या महत्व है और जानिए पौराणिक कथा
 
नंदा सप्तमी की पूजा क्यों करते हैं?
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार नंदा सप्तमी का व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है। इस दिन व्रत रखकर पूजन करने से मन को शांति मिलती है। अत: मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी के दिन भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करके सूर्य मंत्र तथा श्री गणेश और माता पार्वती के एक स्वरूप, जिसे नंदा भी कहा जाता है, इन सबका पूजन करने तथा मंत्र जाप का विशेष महत्व है। नारद पुराण के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी तिथि को ऋषि कश्यप के तेज और माता अदिति के गर्भ से मित्र नाम के सूर्य प्रकट हुए थे, जो वास्तव में भगवान श्री विष्णु की दाईं आंख की शक्ति होना माना जाता है। 
 
पूजा का शुभ मुहूर्त:
प्रातः संध्या मुहूर्त: प्रात: 05:40 से 07:02 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:52 से 12:34 के बीच।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:22 से 05:49 के बीच।
 
पूजा विधि: Nanda Saptami Worship 
- नंदा सप्तमी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
- फिर एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें अक्षत तथा लाल पुष्प डालकर उगते हुए सूर्यदेव को जल चढ़ाएं तथा सूर्य मंत्र- * ॐ सूर्याय नम:। * ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:। * ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः। * ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ। इनमें से किसी भी मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देकर बुद्धि का वरदान देने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। 
- तत्पश्चात सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माने गए भगवान श्री गणेश का पूजन करें। 
- पूजन के समय 'ॐ गं गणपतये नम:' का जाप करें। 
- फिर देवी नंदा या पार्वती माता का पूजन करके आरती करें। 
- श्री गणेश और माता पार्वती के साथ शिव जी का पूजन अवश्य ही करें। 
- इस दिन मां नवदुर्गा का पूजन भी करें। 
- आज के दिन माता पार्वती के मंत्र (* ॐ पार्वत्यै नम:। * ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:। * ॐ शांतिरूपिण्यै नम:। * ॐ जगद्धात्रयै नम:। * ॐ शिवाये नम:। * ॐ उमाये नम:।) इन मंत्रों का अधिक से अधिक जाप करें तथा पार्वती चालीसा भी पढ़ें। 
- इस दिन नमक का सेवन न करें तथा एक समय ही फलाहार करें। 
- इस दिन ब्राह्मण को भोजन करवाएं। 
- यह व्रत करने से रोगों से मुक्ति मिलकर आयु का लाभ प्राप्त होता है। 
- बढ़ती है और हर तरह के दोष भी खत्म हो जाते हैं।
 
नंदा सप्तमी कथा : पौराणिक ग्रंथों के अनुसार नंदा देवी माता पार्वती का स्वरूप मानी जाती है। नंदा देवी को नवदुर्गा में से एक देवी माना जाता है। इनका पूजन प्राचीन काल से ही हिमालय क्षेत्र में किया जाता रहा है।नंदा सप्तमी के खास अवसर पर आप माता पार्वती के नंदा स्वरूप देवी का पूजन करके दिव्य ज्ञान, सुखी जीवन की कामना तथा सर्वसुख का वरदान प्राप्त किया जाता हैं। 
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